ईरान और इजरायल की जंग के बीच आया भारत, दोनों देशों से क्या बोले जयशंकर

नई दिल्‍ली (New Delhi)। विदेश मंत्री एस. जयशंकर (Foreign Minister S. Jaishankar)ने रविवार को अपने इजराइली(israeli) समकक्ष इजराइल काट्ज और ईरानी समकक्ष हुसैन अमीर-अब्दुल्लाह्यान (Iranian counterpart Hossein Amir-Abdollahian)के साथ टेलीफोन (Phone)पर बात की। ईरान ने एक अप्रैल को दमिश्क में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर संदिग्ध इजराइली हवाई हमले में दो जनरल सहित ईरान के ‘रिवोल्यूशनरी गार्ड’ के सात कर्मियों के मारे जाने की घटना के जवाब में शनिवार देर रात इजराइल पर सैंकड़ों ड्रोन और मिसाइल दागीं।

जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘इजराइल के विदेश मंत्री इजराइल काट्ज से अभी-अभी बातचीत हुई। मैंने कल के घटनाक्रम पर अपनी चिंता साझा की। व्यापक क्षेत्रीय स्थिति पर चर्चा की। संपर्क में बने रहने पर सहमति व्यक्त की।’

भारत ने इस घटनाक्रम पर चिंता जताते हुए तत्काल तनाव कम करने की अपील की। भारत ने कहा कि क्षेत्र में उसके दूतावास भारतीय समुदाय के साथ संपर्क में हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हम इजराइल और ईरान के बीच बढ़ती शत्रुता से अत्यंत चिंतित हैं। इससे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरा है।’ मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘हम तनाव को तत्काल कम किए जाने, संयम बरतने, हिंसा से दूर रहने और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आग्रह करते हैं।’

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत हालात पर करीब से नजर रखे हुए है। मंत्रालय ने कहा, ‘क्षेत्र में हमारे दूतावास भारतीय समुदाय के साथ संपर्क में हैं। यह जरूरी है कि क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता बनी रहे।’

ईरान की सेना ने शनिवार को होर्मुज जलडमरूमध्य के पास इजराइल से जुड़े एक मालवाहक जहाज को अपने कब्जे में ले लिया था। जहाज पर चालक दल के 17 भारतीय सदस्य सवार थे। पुर्तगाली झंडे वाले जहाज ‘एमएससी एरीज’ पर सवार भारतीयों की रिहायी सुनिश्चित करने के लिए भारत ईरान के संपर्क में है।

विदेश मंत्री जयशंकर ने रविवार को अपने ईरानी समकक्ष हुसैन अमीर-अब्दुल्लाह्यान से बात की और पुर्तगाली ध्वज वाले मालवाहक जहाज पर सवार 17 भारतीय नागरिकों की रिहाई की मांग की। फोन पर बातचीत के दौरान जयशंकर ने ईरान-इजराइल शत्रुता के संदर्भ में तनाव बढ़ाने से बचने, संयम बरतने और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया।

जयशंकर ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘आज शाम ईरानी विदेश मंत्री से बात की। एमएससी एरीज के चालक दल के 17 भारतीय सदस्यों की रिहाई का मुद्दा उठाया।’ उन्होंने कहा, ‘क्षेत्र की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की। तनाव बढ़ाने से बचने, संयम बरतने और कूटनीति के मार्ग लौटने के महत्व पर जोर दिया। संपर्क में बने रहने पर सहमति बनी।’

ईरान के हमले के बाद इजराइली सेना ने कहा कि उसने और उसके सहयोगियों ने ईरान द्वारा दागे गए 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइलों में से अधिकांश को बीच में ही नष्ट कर दिया।

इजरायल या ईरान नहीं जाने की सलाह

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इससे पहले जयशंकर ने हालात को तत्काल कम करने की बात कही थी। साथ ही उन्होंने इसे ‘गंभीर चिंता का विषय’ करार दिया था। ईरान की तरफ से पहला सैन्य हमला किए जाने के बाद जयशंकर ने यह प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा, ‘यह चिंता का विषय है, क्योंकि यह ऐसी स्थिति के बढ़ने को दिखाता है। यह कुछ ऐसा है, जो हम सभी को चिंतित करता है।’

उन्होंने कहा, ‘हम कुछ समय से इस बात से भी चिंतित है कि 7 अक्टूबर से इजरायल पर हुए हमले के बाद हालात अन्य क्षेत्रों में भी बढ़ रहे हैं, जो काफी चिंता का विषय हैं।’ उन्होंने बताया कि भारत हालात पर नजर बनाए हुए हैं और नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी।

उन्होंने कहा, ‘फिलहाल, हमने लोगों को इजरायल या ईरान की यात्रा नहीं करने की सलाह दी है। वहां पहले से मौजूद लोगों को हमने बहुत सतर्क रहने की सलाह दी है। फिलहाल, ऐसा करना समझदारी की बात है। हम नजर बनाए हुए हैं कि आगे क्या होता है और अगर हमें कुछ कदम उठाने पड़े या एडवाइजरी जारी करनी पड़ीं, तो हम ऐसा करेंगे।’

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