UN में इजरायल-हमास युद्ध पर लाए प्रस्ताव से भारत की दूरी, सोनिया गांधी ने कह डाली ये बड़ी बात

नई दिल्ली: इजरायल-हमास युद्ध पर संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव लाया गया, जिस पर मतदान हुआ. हालांकि, भारत ने प्रस्ताव पर हुए वोटिंग से दूरी बनाई. वहीं, अब कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि उनकी पार्टी इजरायल-हमास युद्ध पर यूएन के प्रस्ताव पर वोटिंग से भारत के गैरमौजूद रहने का कड़ा विरोध करती है. सोनिया गांधी ने अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ में लिखे एक आर्टिकल में इजरायल-हमास को लेकर अपनी राय रखी है.

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी ने हमास के हमलों की निंदा की है. लेकिन युद्ध की वजह से त्रासदी और भी ज्यादा बढ़ गई है, जब इजरायल ने फैसला कर लिया है कि वह उस आबादी से बदला लेगा, जो पहले से ही असहाय और निर्दोष है. अपने आर्टिकल में सोनिया ने आगे कहा है कि उनकी पार्टी का लंबे समय से यही रुख रहा है कि इजरायल के साथ सह-अस्तित्व में एक संप्रभु, स्वतंत्र और सुरक्षित फिलिस्तीन देश के लिए सीधे तौर पर बातचीत होनी चाहिए.

सोनिया ने कहा कि मानवता को इम्तिहान के दौर से गुजरना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इजरायल पर जिस तरह से क्रूर हमला किया गया है, उसने हमें दुखी किया है. लेकिन अब हम इजरायल की असंगत और क्रूर प्रतिक्रिया को देखकर भी दुखी हुए हैं. जब तक हमारी सामूहिक अंतरात्मा जागेगी, तब तक कितनी जानें जाएंगी? उन्होंने कहा कि हमास ने जब 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया, तो उसकी वजह से एक हजार से ज्यादा लोगों को जान गंवानी पड़ी.

कांग्रेस नेता ने कहा कि सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि 200 लोगों को अगवा कर लिया गया है. जिन लोगों की जान गई, उनमें से ज्यादातर आम लोग थे. इजरायल पर हुआ ये हमला विनाशकारी रहा है. कांग्रेस का मानना रहा है कि सभ्य दुनिया में अहिंसा की कोई जगह नहीं होनी चाहिए. हमने अगले ही दिन हमास के हमले की भी निंदा की. हालांकि, फिर इजरायल ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए गाजा पट्टी पर लगातार बमबारी की है, जिसमें फिलिस्तीनियों की मौत हुई है.

सोनिया ने कहा कि गाजा और उसके आसपास इजरायली सेना की कार्रवाई की वजह से त्रासदी बढ़ गई है. इजरायल की कार्रवाइयों की वजह से निर्दोष बच्चों, महिलाओं और पुरुषों सहित हजारों लोगों को जान गंवानी पड़ी है. उन्होंने कहा कि इजरायल ऐसी आबादी से बदला ले रहा है, जो पहले से ही असहाय और निर्दोष है. न्याय के बिना शांति नहीं हो सकती है. इजरायल की नाकेबंदी की वजह से गाजा 20 लाख लोगों के लिए खुली जेल में तब्दील हो गया है.

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