पन्नू की हत्या की साजिश में जेल में बंद निखिल गुप्ता के संपर्क में भारत, तीन बार मिली राजनयिक पहुंच

नई दिल्‍ली (New Delhi) । खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannu) की कथित हत्या की साजिश (murder conspiracy) रचने के आरोप में चेक रिपब्लिक की जेल में बंद भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता (Nikhil Gupta) को लेकर सरकार ने बड़ा अपडेट दिया है। भारत सरकार ने कहा है कि वह अपने नागरिक के संपर्क में है। गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि निखिल गुप्ता को कम से कम तीन बार राजनयिक पहुंच प्रदान की गई है।

बागची ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “एक भारतीय नागरिक इस समय चेक अधिकारियों की हिरासत में है और उसे अमेरिका को सौंपने की मांग अभी पेंडिंग है। हमें 3 बार कॉन्सुलर एक्सेस मिल चुका है। हम आवश्यकता के अनुसार व्यक्ति को आवश्यक कांसुलर सहायता प्रदान कर रहे हैं।” उन्होंने ये भी कहा कि मामला भारतीय सुप्रीम कोर्ट के आधीन है इसलिए इस पर ज्यादा टिप्पणी नहीं करेंगे।

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के परिवार के एक सदस्य की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई चार जनवरी के लिए टाल दी। अमेरिका में संघीय अभियोजकों ने गुप्ता पर एक सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। चेक गणराज्य के अधिकारियों ने अमेरिका और चेक गणराज्य के बीच द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि के तहत गत 30 जून को गुप्ता को गिरफ्तार किया था।

याचिका में कारावास में गंभीर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है, जिसमें गोमांस और सूअर का मांस खाने के लिए मजबूर किया जाना भी शामिल है। इसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि उन्हें राजनयिक पहुंच, भारत में अपने परिवार से संपर्क करने का अधिकार और कानूनी मदद लेने की स्वतंत्रता से वंचित कर दिया गया।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एस. वी. एन भट्टी की पीठ ने इस मामले को ‘‘विदेश मंत्रालय के लिए बेहद संवेदनशील मुद्दा’’ बताया और गुप्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सी. ए. सुंदरम से कहा कि वह चेक गणराज्य की एक अदालत से संपर्क करें, जहां उनका मुवक्किल एक जेल में बंद है।

दक्षिणी न्यूयॉर्क जिले के अमेरिकी अटॉर्नी मैथ्यू जी. ऑलसेन ने कहा कि निखिल गुप्ता (52) के खिलाफ हत्या के लिए सुपारी देने का आरोप लगाया गया है, जिसमें अधिकतम 10 साल जेल की सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि साथ ही गुप्ता पर सुपारी देकर हत्या की साजिश रचने का भी आरोप है, जिसमें भी अधिकतम 10 साल जेल की सजा का प्रावधान है। अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया था कि गुप्ता ने न्यूयॉर्क शहर में रहने वाले सिख अलगाववादी नेता की हत्या के लिए हत्यारे को एक लाख अमेरिकी डॉलर देने की बात स्वीकार कर ली थी।

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