FTA पर थमी भारत-ब्रिटेन की बातचीत, लोकसभा चुनाव के बाद होगा फैसला

लंदन (London)। भारत और ब्रिटेन (India and Britain) के बीच चल रही मुक्त व्यापार समझौते (Free trade agreements.-FTA) की बातचीत थम गई है। दरअसल भारत में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) की तारीखों का शनिवार को एलान हो जाएगा, जिसके साथ ही देश में आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू हो जाएगी। ऐसे में दोनों देशों ने मुक्त व्यापार समझौते पर 14 दौर की वार्ता के बाद रुकने का फैसला किया है और अब लोकसभा चुनाव के बाद ही इस दिशा में कोई फैसला हो सकेगा। ब्रिटिश अधिकारियों ने बताया कि बातचीत थमने का पहले से ही अनुमान था क्योंकि भारत में आम चुनाव होने हैं और अब चुनाव के बाद ही मुक्त व्यापार समझौते पर आगे कोई औपचारिक बातचीत हो सकती है। भारत और ब्रिटेन के बीच जनवरी 2022 में मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू हुई थी।

मुक्त व्यापार समझौते के लिए भारत ब्रिटेन ने जताई प्रतिबद्धता
एक अधिकारी ने बताया कि दोनों पक्षों में से कोई भी समझौते से पीछे हटने के मूड में नहीं हैं, लेकिन अभी तक समझौता न होने की वजह ये है कि हमें अभी तक वो डील नहीं मिली है, जिस पर दोनों पक्षों में सहमति बन सके। दोनों पक्षों के मध्यस्थों ने बीते कुछ वर्षों में समझौते को लेकर कड़ी मेहनत की है और कई मुद्दों पर हमारे बीच सहमति बन भी गई है। हालांकि अभी माल, सेवाएं और निवेश पर सहमति बननी बाकी है। इस हफ्ते की शुरुआत में पीएम मोदी और ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक के बीच फोन पर बातचीत भी हुई थी, जिसमें दोनों पक्षों ने समझौते को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दिखाई थी।

इन मुद्दों पर अटका है समझौता
एक ब्रिटिश अधिकारी ने बताया कि भारत और ब्रिटेन में महत्वकांक्षी व्यापार समझौते को लेकर लगातार काम कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कई मुद्दों पर आपसी सहमति नहीं बन पाई है। हम इसे लेकर साफ हैं कि जब तक समझौता निष्पक्ष, संतुलित और ब्रिटेन के लोगों और हमारी अर्थव्यवस्था के हित में होना चाहिए। भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी बीते हफ्ते ऐसा ही कहा था कि जब तक समझौता भारतीय लोगों और भारतीय अर्थव्यवस्था के हित में नहीं होगा, हम इस पर आगे नहीं बढ़ेंगे। ब्रिटेन चाहता है कि भारत, ब्रिटेन से होने वाले निर्यात पर टैरिफ घटाए, जो कि अभी 150 प्रतिशत जितना ज्यादा है। वहीं भारत चाहता है कि ब्रिटेन में काम करने वाले भारतीयों के मामले में नियम निष्पक्ष रहें और उन्हें नेशनल इंश्योरेंस के तहत कवर किया जाए।

वहीं ब्रिटेन की मीडिया की कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि भारत सरकार भी ब्रिटेन में आगामी आम चुनाव का इंतजार कर रहा है, क्योंकि ब्रिटिश चुनाव में अगर लेबर पार्टी को जीत मिलती है तो भारत को लेबर पार्टी से अच्छी डील मिलने की उम्मीद है। बीते दिनों लेबर पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने भी भारत का दौरा किया था और उन्होंने दिल्ली में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात भी की थी।

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