इंदौर RTO ने वसूले 865 करोड़, टारगेट से 66 करोड़ कम

  • वित्तिय वर्ष 2023-24 में राजस्व वसूली में टारगेट से पिछड़ा… लेकिन पिछले साल से आगे रहा इंदौर आरटीओ

इंदौर। वित्तीय वर्ष 2023-24 की समाप्ति 31 मार्च 2024 को हुई। अब सभी विभाग अपने राजस्व का हिसाब-किताब तैयार कर रहे हैं। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय इंदौर की बात करें तो इसे 931 करोड़ का टारगेट मिला था, जिसके सामने यह 865 करोड़ की वसूली कर पाया है। इस तरह इंदौर आरटीओ ऑफिस टारगेट से 66 करोड़ पीछे रहा गया, लेकिन पिछले साल की तुलना में इंदौर ने 56 करोड़ ज्यादा वसूले हैं। इंदौर आरटीओ प्रदीप शर्मा ने बताया कि परिवहन मुख्यालय द्वारा हर साल पिछले साल हुई वसूली की तुलना में ज्यादा टारगेट दिया जाता है। पिछले वित्तीय वर्ष में इंदौर ने 809 करोड़ की वसूली की थी। इसके बाद इस बार मुख्यालय ने इंदौर को 931 करोड़ का टारगेट दिया था, जो पिछली बार की तुलना में 122 करोड़ ज्यादा था। प्रतिशत में देखें तो टारगेट 15 प्रतिशत बढ़ाया गया था। टारगेट की तुलना में इंदौर में 865 करोड़ की वसूली हुई, जो पिछले साल की अपेक्षा 56 करोड़, यानी करीब 7 प्रतिशत ज्यादा है।

उज्जैन मेले के कारण पिछड़ा इंदौर अब भी हो रहा नुकसान अधिकारियों ने बताया कि इंदौर राजस्व वसूली में फरवरी-मार्च में पिछड़ गया। इसका बड़ा कारण था उज्जैन में लगा वाहन मेला। उज्जैन में पहली बार सरकार द्वारा 1 मार्च से 9 अप्रैल के बीच विक्रमोत्सव में वाहनों की खरीदी पर टैक्स में 50 प्रतिशत की छूट की घोषणा की गई थी। इसके चलते इंदौर सहित आसपास के क्षेत्रों से भी लोग वाहन लेने के लिए उज्जैन पहुंचे और इंदौर में वाहनों की बिक्री में भारी कमी दर्ज की गई। इसके कारण इंदौर आरटीओ को मिलने वाले टैक्स में भी कमी हुई और इंदौर को कम राजस्व मिल पाया। मेला अभी भी जारी है और अब भी लोग बड़े वाहन उज्जैन से ही खरीद रहे हैं। इस साल मिल सकता है 1000 करोड़ का टारगेट परिवहन विशेषज्ञों की मानें तो हर साल परिवहन मुख्यालय वसूली की तुलना में 15 से 20 प्रतिशत बढ़ाकर टारगेट सेट करता है। इस बार हुई 865 करोड़ की वसूली पर अगर 15 प्रतिशत बढ़ाया जाता है तो यह आंकड़ा 995 करोड़ होता है। इस तरह अनुमान है कि इस बार इंदौर आरटीओ ऑफिस को 1000 करोड़ राजस्व वसूली का टारगेट मिल सकता है।

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