इन्दौर में कल से अवैध हो जाएंगे लाखों वाहनों के दस्तावेज

इंदौर। परिवहन विभाग (Transport Department) द्वारा देश में महामारी को देखते हुए लगाए गए पहले लॉकडाउन (lockdown) के समय वाहन और वाहन चालकों से जुड़े दस्तावेजों (documents) की वैधता को कुछ समय के लिए बढ़ा दिया गया था। इसे बाद में कई बार और आगे बढ़ाया गया, लेकिन अब परिवहन विभाग ने 30 सितंबर के बाद दस्तावेजों की वैधता बढ़ाने को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया है, जिसके चलते पिछले डेढ़ साल में एक्सपायर हुए दस्तावेज कल से अवैध घोषित हो जाएंगे। इसका असर इंदौर सहित प्रदेश के लाखों वाहन चालकों पर पड़ेगा।

25 मार्च 2020 को लगे लॉकडाउन (lockdown) के समय सरकार ने सभी सरकारी विभागों को भी बंद कर दिया था। इनमें परिवहन विभाग (transport department) भी शामिल था। इस दौरान सिर्फ आवश्यक वस्तुओं का परिवहन करने वाले वाहनों को ही चलने की छूट दी गई थी। इस समय कई ट्रांसपोर्टर्स (transporter) ने वाहन चलाने से इनकार कर दिया था कि उनके वाहनों और वाहन चालकों के जरूरी दस्तावेज जैसे रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस, फिटनेस (registration.lisence fitness) और परमिट की वैधता अवधि खत्म हो रही है और आरटीओ बंद होने से वे इन्हें रिन्यू भी नहीं करवा पा रहे हैं। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाए रखने के लिए 30 मार्च 2020 को आदेश जारी करते हुए कहा था कि लॉकडाउन के मद्देनजर वाहन का रजिस्ट्रेशन, परमिट, फिटनेस और लाइसेंस की वैधता खत्म होने पर भी लॉकडाउन (locdown) तक वैध मानी जाएगी। इस आदेश को सरकार ने कई बार आगे भी बढ़ाया। अनलॉक होने के बाद भी आरटीओ कार्यालयों में भीड़ और उससे संक्रमण फैलने के डर से दस्तावेजों की वैधता में दी गई छूट को जारी रखा गया। आखिरी आदेश अगस्त अंत में जारी करते हुए ऐसे दस्तावेजों को 30 सितंबर 2021 तक वैध घोषित किया गया था। इस अवधि का आज आखिरी दिन है। सरकार ने अब तक दस्तावेजों की वैधता को और आगे बढ़ाने को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया है। इसके चलते कल से ऐसे लाखों वाहनों के दस्तावेज वैधता खत्म होने के आधार पर अवैध हो जाएंगे।

आरटीओ में लग रही आवेदकों की भीड़
सरकार द्वारा दस्तावेजों की वैधता को आगे बढ़ाए जाने को लेकर कोई आदेश न आने पर पिछले दो-तीन दिनों से आरटीओ ऑफिस में आवेदकों की भीड़ लग रही है। सबसे ज्यादा भीड़ लाइसेंस, फिटनेस और परमिट से जुड़े आवेदकों की बनी हुई है। इसके कारण आरटीओ में अधिकारियों के लिए काम करना मुश्किल हो रहा है।

दिल्ली ने 30 सितंबर तक बढ़ाई वैधता
केंद्र सरकार द्वारा दस्तावेजों की वैधता बढ़ाए जाने का आदेश जारी न होता देख दिल्ली सरकार ने अपने स्तर पर दिल्ली में रजिस्टर्ड वाहनों के दस्तावेज और आवेदकों के लाइसेंस की वैधता को और दो माह तक बढ़ा दिया है। दिल्ली सरकार ने इस संबंध में मंगलवार को ही आदेश जारी करते हुआ कहा कि आवेदकों की अचानक भीड़ बढऩे की संभावना और संक्रमण को देखते हुए दस्तावेजों को 30 नवंबर तक वैध माना जाएगा।

प्रदेश में अब तक कोई आदेश नहीं
केंद्र सरकार द्वारा आखिरी बार दस्तावेजों की वैधता की अवधि को बढ़ाकर 30 सितंबर किया गया था। इसके बाद से अब तक वैधता अवधि बढ़ाए जाने को लेकर केंद्र अथवा राज्य सरकार की ओर से कोई आदेश नहीं आया है। ऐसी स्थिति में कल से ऐसे दस्तावेज अवैध माने जाएंगे। इसे देखते हुए आरटीओ कार्यालय में आवेदकों की भीड़ भी बढ़ गई है। – जितेंद्र रघुवंशी, इंदौर आरटीओ

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