इंदौर: लेखिका फरहत खान की होगी गिरफ्तारी, सरकार ने बनाई उच्च स्तरीय जांच समिति

इंदौर। इंदौर (Indore) का सरकारी लॉ कॉलेज (Government Law College) कलेक्टिव वायलेंस एंड क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम नाम की किताब की वजह से चर्चा में है। लॉ कॉलेज का यह मामला तूल पकड़ रहा है। राज्य सरकार (State government) ने एक जांच कमेटी बनाई है। यह कॉलेज जाकर आरोपों की जांच करेगी। साथ ही गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) ने संकेत दिए हैं कि लेखक को गिरफ्तार करने के लिए टीमें बनाई गई हैं। उनकी पीएचडी वापस लेने के लिए संबंधित विभाग को पत्र लिखा जाएगा।

लॉ कॉलेज उस समय सुर्खियों में आया जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने यह मुद्दा उठाया। मामला यह है कि महिला प्रोफेसर फरहत खान (Female Professor Farhat Khan) की लिखी एक किताब सामूहिक हिंसा और दांडिक न्याय पद्धति कॉलेज की लाइब्रेरी में थी। इसमें आरोप लगाए हैं कि विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठन हिंदू बहुमत का राज्य बनाना चाहते हैं। दूसरे समुदायों को गुलाम बनाना चाहते हैं। हालांकि, डॉ. फरहत का कहना है कि मामला करीब डेढ़ साल पुराना है।

उन्होंने इस संबंध में लिखित माफीनामा दिया है। साथ ही किताब में भी आवश्यक संशोधन किए जा चुके हैं। इसके बाद भी कुछ लोग गड़े मुर्दे उखाड़कर मुद्दा बना रहे हैं। दरअसल, पिछले हफ्ते कॉलेज में रखी किताबों को लेकर एबीवीपी ने हंगामा किया था। प्राचार्य के खिलाफ प्रदर्शन किया था, जिससे आहत होकर प्राचार्य डॉ. इनामुर रहमान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। भंवरकुआ पुलिस ने इस मामले में किताब की लेखिका, प्राचार्य, प्रकाशक अमर लॉ पब्लिकेशन एवं एक अन्य प्रोफेसर के खिलाफ केस दर्ज किया था।

उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री मोहन यादव ने दो अतिरिक्त संचालकों की एक कमेटी बनाई है। इस कमेटी को तीन दिन में जांच कर सरकार को रिपोर्ट देने को कहा गया है। कमेटी में उच्च शिक्षा विभाग भोपाल में अतिरिक्त संचालक मधुरा प्रसाद के अलावा इंदौर उच्च शिक्षा विभाग की प्रभारी अतिरिक्त संचालक किरण सलूजा शामिल हैं। इस कमेटी में मंत्री तुलसी सिलावट के भाई सुरेश सिलावट को शामिल नहीं किया गया है। जांच कमेटी काॅलेज जाकर लाइब्रेरी से विवादित किताबों के खरीदने, वहां रखने जैसे तथ्य जुटाने के अलावा शिकायत करने वाले छात्रों से भी चर्चा करेगी।

कॉलेज लाइब्रेरी में विवादित किताब के मसले पर राज्य सरकार गंभीर है। इससे जुड़े सवाल पर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को कहा कि लेखिका (डॉ. फरहत खान) और प्रकाशक को गिरफ्तार करने के लिए टीमें बनाई गई हैं। जल्द ही गिरफ्तारी हो जाएगी। उनकी पीएचडी वापस हो, इसके लिए भी संबंधित विभाग को पत्र लिखा जाएगा।

इससे पहले सरकारी लॉ काॅलेज के छह प्रोफेसरों को निलंबित किया गया था। उन पर आरोप था कि वे भारतीय सेना के विरोध में बातें करते थे। छात्रों को तिलक लगाने से मना करते थे। धारा 370 खत्म करने के केंद्र सरकार के विरोध में बोलते थे। वे लड़कियों को कैफे में बुलवाते थे। प्राचार्य इनामुर रहमान ने उनके खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। बताया जा रहा है कि उन्हें स्थायी रूप से पद से अलग करने का फैसला भी लिया जा सकता है।

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