मुद्रास्फीति चार महीने में पहली बार 7 फीसदी से नीचे, RBI का ये है प्लान

नई दिल्ली। महंगाई (Inflation) की मार से जूझ रही अर्थव्‍यस्‍था के मोर्चे पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India-RBI) के गर्वनर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने बड़ा बयान दिया है। उन्‍होंने कहा कि आरबीआई (RBI) का टारगेट मुद्रास्‍फीति को घटाकर अगले दो साल में 4 प्रतिशत पर लाने का है। जुलाई में महंगाई दर घटकर 6.71 प्रतिशत पर आ गई है, यह पिछले चार महीने में पहला मौका है जब मुद्रास्‍फीति 7 प्रतिशत से नीचे आई है।

रेपो रेट में 140 बेसिस प्‍वाइंट की बढ़ोतरी
एक इंटरव्‍यू में शक्तिकांत दास ने कहा कि मुद्रास्फीति चरम पर है, ऐसे में मूल्य लाभ स्थिर हो रहा है. आरबीआई हर डाटा पर नजर रख रहा है, इस मामले में संतोष करके बैठने की जरूरत नही है. महंगाई को काबू में करने के लिए आरबीआई ने मई के बाद से रेपो रेट में 140 बेसिस प्‍वाइंट की बढ़ोतरी की है. जिससे यह बढ़कर 5.4 प्रतिशत पर पहुंच गया है। एक बैंक की रिपोर्ट में सितंबर में रेपो रेट बढ़ाए जाने की उम्‍मीद जताई गई है।

महंगाई को वैश्‍व‍िक स्‍तर पर कई चीजें प्रभावित करती हैं
अपने इंटरव्‍यू के दौरान आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हम आने वाले दो साल में धीरे-धीरे मुद्रास्‍फीति को कम करना चाहते हैं. हम विकास को रोके बिना आने वाले समय में चार फीसदी के लक्ष्‍य तक पहुंच जाएंगे। उन्‍होंने कहा कि महंगाई को वैश्‍व‍िक स्‍तर पर भी कई चीजें प्रभावित करती हैं. महंगाई दर में कमी होने से आम आदमी को राहत मिलेगी।

बैंकों के निजीकरण पर अपनी बात रखते हुए दास ने कहा कि आरबीआई केवल बैंकों के नियमन पर नजर रखता है. बैंकों के मालिकाना हक को लेकर केंद्रीय बैंक की किसी तरह की भूमि‍का नहीं है. यह बात उन्‍होंने आरबीआई की तरफ से जारी स्वतंत्र लेख पर दी।

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