आपसी व्‍यापार बढ़ाने पर सहमत हुए ईरान और पाकिस्तान, अमेरिकी प्रतिबंधों का डर नहीं

इस्लामाबाद (Islamabad) । ईरान (Iran) के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी (President Ebrahim Raisi) सोमवार को पाकिस्तान (Pakistan) की तीन दिनों की यात्रा पर पहुंचे हैं। सोमवार को रईसी ने कहा कि ईरान और पाकिस्तान दोनों देशों के बीच व्यापार (Business) को अगले पांच वर्षों में 10 अरब डॉलर तक ले जाने पर सहमत हुए हैं, क्योंकि मौजूदा मात्रा स्वीकार्य नहीं है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ एक मीटिंग के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में रईसी ने यह टिप्पणी की है। 8 फरवरी को पाकिस्तान में हुए आम चुनाव के बाद यह किसी राष्ट्राध्यक्ष की पहली यात्रा है। दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने से जुड़ी खबर ऐसे समय में आ रही है, जब ईरान पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाए हैं।

रईसी ने इस दौरान कहा, ‘हम हाई लेवल तक अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ईरान और पाकिस्तान के बीच आर्थिक और व्यापार की मात्रा बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। हमने पहले कदम के तौर पर दोनों देशों के बीच व्यापार को 10 अरब डॉलर तक बढ़ाने का फैसला लिया है।’ अपने संबोधन में ईरानी राष्ट्रपति ने पाकिस्तानी लोगों की तारीफ की जो यरूशलम की ‘आजादी’ की मांग करते हैं। उन्होंने इसे लेकर कहा कि कुछ सामान्य आस्था और धर्म हैं जो आपस में जुड़े हुए हैं और कोई भी उन्हें अलग नहीं कर सकता है।

कुछ लोग नहीं चाहते ईरान-पाकिस्तान संबंध
ईरानी राष्ट्रपति ने कहा, ‘आपको कुछ ऐसे लोग मिल जाएंगे जो ईरान और पाकिस्तान के बीच अच्छे द्विपक्षीय संबंधों के विस्तार और प्रचार के पक्ष में नहीं है। लेकिन किसे परवाह है? यह जरूरी नहीं है।’ सीधे तौर पर वह अमेरिका पर निशाना साध रहे थे। दरअसल ईरान और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से गैस पाइपलाइन का काम रुका हुआ है। पाकिस्तान जब भी इस काम को बढ़ाता है तो अमेरिका प्रतिबंधों की धमकी देता है। रईसी ने कहा, ‘ईरान के महान लोगों ने मेरे देश के खिलाफ लगाए गए अवैध और अनुचित प्रतिबंधों को एक अवसर में बदल दिया। आज ईरान विकास और टेक्नोलॉजी का उदाहरण है।’

अमेरिका ने लगाए हैं प्रतिबंध
ईरान ने हाल ही में इजरायल पर एक बड़ा मिसाइल और ड्रोन हमला किया था। इस हमले के बाद ईरान पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाए हैं। बाइडेन ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि प्रतिबंधों के जरिए इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स और ईरान के रक्षा मंत्रालय और ईरानी सरकार के मिसाइल और ड्रोन प्रोग्राम से जुड़े नेताओं और संस्थाओं को निशाना बनाया गया है। नए प्रतिबंधों में ईरानी ड्रोन के उत्पादन से जुड़े 16 लोगों और दो संस्थाओं को निशाना बनाया गया। अमेरिका ने ईरान को स्टील देने वाली पांच कंपनियों के साथ-साथ ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड को सहायता की पेशकश करने वाली तीन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। इसके अलावा अमेरिका ने रईसी की यात्रा से पहले पाकिस्तानी मिसाइल प्रोग्राम में मदद देने के लिए चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए थे।

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