ईरानी फिल्ममेकर जफर पनाही जमानत पर रिहा, जेल में ही शुरू कर दी थी भूख हड़ताल

तेहरान (Tehran)। ईरान (Iran) के प्रसिद्ध फिल्म निर्माताओं (filmmakers) में से एक जफर पनाही (Zafar Panahi) ने तेहरान की एविन जेल में खुद के हिरासत के विरोध (protest custody) में सरकार के खिलाफ (against government) भूख हड़ताल (hunger strike) शुरू की थी, इसके दो दिन के बाद ही उनको जेल से रिहा कर दिया। इसकी जानकारी उनकी पत्नी तहरेह सईदी ने इंस्टाग्राम पर दी।

निर्माता पनाही को पिछले जुलाई में गिरफ्तार किया गया था और बाद में सरकार के खिलाफ प्रचार करने के आरोप में छह साल की सजा का आदेश दिया गया था, जो कि 2011 की सजा थी जिसे कभी लागू नहीं किया गया था। सरकार के विरोध में भूख हड़ताल पर जाने की खबर के बाद जेल प्रशासन ने रिहा कर दिया।

पनाही की रिलीज से खुश हैं पत्नी
निर्देशक के वकील सालेह निकबखत ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि मैं पनाही की रिलीज से खुश हूं, लेकिन यह बताना बेहद जरूरी है कि यह तीन महीने पहले हो जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि वैरायटी की रिपोर्ट के अनुसार, पनाही को पिछले 18 अक्तूबर को जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए था, जिस दिन उनकी सजा को पलट दिया गया था।

वेनिस फिल्म फेस्टिवल में जीता पुरस्कार
फिल्म निर्माता जमानत पर बाहर है और मार्च में उसके मामले की समीक्षा की जाएगी, कई सूत्रों ने कहा कि उसकी रिहाई केवल अस्थायी हो सकती है। वहीं 62 वर्षीय पनाही को ईरानी सिनेमा के सबसे महान निर्माताओं में से एक माना जाता है। उन्हें विश्व स्तर पर ‘द सर्कल’, ‘ऑफसाइड’, ‘दिस इज नॉट ए फिल्म’, ‘टैक्सी’ और हाल ही में ‘नो बियर्स’ जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है, जिसने पिछले साल की वेनिस फिल्म फेस्टिवल में विशेष जूरी पुरस्कार जीता था।

महसा अमिनी की मौत से पहले हुई थी नजरबंदी
पनाही को राजनीतिक कैदियों के लिए तेहरान की एविन जेल में हिरासत में लिया गया था, पनाही की नजरबंदी ईरान के धर्म-आधारित कानून के अनुसार हिजाब नहीं पहनने के कारण सितंबर में महसा अमिनी की मौत से पहले हुई थी। हिजाब के खिलाफ विरोध के दौरान ईरानी पुलिस ने महसा अमिनी को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था।

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