भैरवगढ़ जेल में फैली खुजली की बीमारी, दो हजार कैदी परेशान

  • सरकारी दवाइयों का कोई खास असर नहीं होने से बंदी बाहर से मंगवा रहे ब्रांडेड दवाइयाँ

उज्जैन। भैरवगढ़ जेल में इन दिनों बंदियों को खुजली की बीमारी हो रही हैं। रोज करीब चार से पांच नए बंदी इस बीमारी का ईलाज कराने डॉक्टर के पास पहुँच रहे हैं। जेल में करीब 2 हजार बंदी चर्म रोग से पीडि़त हैं। ऐसे में जेल में बंद अन्य बंदियों में भी भय का माहौल बना हुआ हैं। बावजूद जेल विभाग के अधिकारी इस पर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि जेल में रोजाना एक व दो बंदी जेल में नियुक्त डॉक्टर के पास खुजली की शिकायत लेकर आ रहे हैं। डॉक्टर द्वारा उन्हें सरकारी दवाइयाँ दी जा रही हैं, जिससे खुजली में कोई खास सुधार नहीं हो रहा हैं। मजबूरी में कई बंदियों को खुजली के इलाज के लिए दवाएं बाहर से मंगवाना पड़ रही है, जो उन्हें मुलाकात के जरिए प्राप्त हो रही हैं। ऐसे में जेल प्रशासन की थोड़ी सी भी लापरवाही इन बंदियों की जान ले सकती है। इनके अलावा जेल में करीब 100 से 150 बंदी ऐसे हैं जिन्हें ब्लड प्रेशर, शुगर जैसी गंभीर बीमारियाँ है। बंदियों की इन बीमारियों का उपचार जेल की डिस्पेंसरी में ही करवाया जा रहा है, ताकि यह जानकारी भी बाहर न जाए। जेल में बंद बंदियों को मिलने आए परिजनों ने बताया कि भीषण गर्मी के कारण चर्म रोग की बीमारी बंदियों को अधिक हो रही हैं। कोई पिछले कई महीनों से खुजली व अन्य चर्म रोग से पीडि़त है, तो कई को दाद खाज जैसी समस्या होने लगी है। उचित जाँच न होने और ब्रांडेड दवाइयाँ नहीं मिलने से इन मरीजों की बीमारियाँ और बढ़ती जा रही है। खतरा तब और बढ़ जाता है जब कोई चर्म रोगी बंदी का उपयोग किया गया कपड़ा, चादर और अन्य सामान किसी दूसरे बंदी के संपर्क में आ जाता है। मामले में जेलर सुरेश गोयल व अन्य अधिकारियों से फोन पर संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

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