जन सेना पार्टी टीडीपी से हाथ मिलाने के लिए एनडीए से बाहर आ गई – पवन कल्याण


मछलीपट्टनम (आंध्र प्रदेश) । अभिनेता और राजनेता (Actor and Politician) पवन कल्याण (Pawan Kalyan) ने कहा है कि उनकी जन सेना पार्टी (Jana Sena Party) 2024 विधानसभा चुनाव के लिए (For 2024 Assembly Elections) तेलुगु देशम पार्टी से (With TDP) हाथ मिलाने के लिए (To Join Hands) बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए से बाहर आ गई (Came Out frrom BJP Led NDA) ।

कृष्णा जिले के पेडाना में अपनी वाराही यात्रा के हिस्से के रूप में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वह कठिन समय में टीडीपी का समर्थन करने के लिए एनडीए से बाहर आए हैं। उन्होंने कथित कौशल विकास घोटाले में टीडीपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए कहा, “मुश्किलों के बावजूद हम एनडीए में शामिल हुए थे। अब हम सामने आए हैं और टीडीपी को 100 प्रतिशत समर्थन दिया है, क्योंकि यह कठिन समय से गुजर रही है।”
पवन कल्याण, जिन्होंने पिछले महीने राजमुंदरी जेल में नायडू से मुलाकात की थी, ने कहा कि आंध्र प्रदेश को लड़ने के लिए टीडीपी के चार दशकों के अनुभव और जन सेना की युवा ताकत की जरूरत है। उन्होंने विश्वास जताया कि टीडीपी-जेएसपी गठबंधन 2024 में सत्ता में आएगा। यह पहली बार है कि पवन कल्याण ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की कि जन सेना एनडीए से बाहर आ गई है। वह 18 जुलाई को दिल्ली में हुई एनडीए की बैठक में शामिल हुए थे। बैठक के बाद उन्होंने कहा था कि जन सेना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन का समर्थन करेगी।

पवन कल्याण ने पहले कहा था कि वह जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए बीजेपी के रोड मैप का इंतजार कर रहे हैं। जाहिर तौर पर यह महसूस करते हुए कि बीजेपी दोबारा टीडीपी से हाथ मिलाने को तैयार नहीं है, पवन कल्याण ने टीडीपी के साथ जाने का फैसला लिया। अभिनेता ने कहा कि 2021 में उन्होंने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को सत्ता से बाहर करने के लिए वोटों के विभाजन से बचने के लिए समान विचारधारा वाले दलों के साथ आने का फैसला लिया। जन सेना नेता ने याद किया कि 2014 में उन्होंने आंध्र प्रदेश के सुनहरे भविष्य के लिए नरेंद्र मोदी और चंद्रबाबू नायडू को समर्थन दिया था। लगभग 10 वर्ष बीत गये लेकिन दुर्भाग्यवश यह लक्ष्य हासिल नहीं हो सका। अतीत में जो हुआ उस पर पछतावा करने से कोई फायदा नहीं है।”

उन्‍होंने कहा, अब हमें भविष्य की ओर देखना होगा। पवन कल्याण ने 2014 के चुनाव में टीडीपी-बीजेपी गठबंधन के लिए प्रचार किया था। गठबंधन राज्य में सत्ता में आ गया था, लेकिन बाद में उन्होंने आंध्र प्रदेश को विशेष श्रेणी राज्य का वादा पूरा करने में विफल रहने के लिए दोनों पार्टियों से दूरी बना ली। 2018 में, टीडीपी ने भी भाजपा पर राज्य के लिए की गई प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए उससे नाता तोड़ लिया था। जन सेना ने 2019 का चुनाव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और वामपंथी दलों के साथ गठबंधन में लड़ा। हालांकि, गठबंधन को धूल चाटनी पड़ी। 175 सदस्यीय विधानसभा में जन सेना सिर्फ एक सीट जीत सकी थी।

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