चंद्रयान-3 जैसा कारनामा करने वाला है जापान, चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की तैयारी

नई दिल्‍ली (New Dehli)। चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग (Soft landing of Chandrayaan-3)के साथ भारत पहले ही चांद पर उतरने में सफलता (Success)हासिल कर चुका है। अब इसी सफलता को दोहराने की कोशिश (Effort)में जापान भी है। खबर है कि JAXA यानी जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी भी अंतरिक्ष यान SLIM को इस सप्ताह चांद पर उतरने की कोशिश करने वाला है। अगर जापान इस काम में सफल हो जाता है कि चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पांचवा देश होगा।

जापान SLIM यानी स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून के जरिए 20 जनवरी को रात करीब 8 बजकर 50 मिनट (IST) पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। SLIM को मून स्नाइपर भी कहा जाता है। JAXA का कहना है कि इस मिशन का बड़ा मकसद चांद पर पिनपॉइंट लैंडिंग करना, लैंडिंग में इस्तेमाल हुए उपकरणों के आकार और वजन का आकलन करना और चांद के बारे में जानकारी जुटाना है।

जापान का मिशन

जापान का टचडाउन जोन शियोली क्रेटर के पास होगा। इसे जापान के H-11A रॉकेट की मदद से 7 सितंबर 2023 को तानेगाशिमा स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था। बताया जा रहा है कि यह मिशन करीब 100 मिलियन डॉलर का है। सोमवार को ही JAXA ने ऐलान किया है कि SLIM लैंडिंग की प्रक्रिया के लिए तैयार है।

जापान ने तीसरी बार की है कोशिश

साल 2022 और अप्रैल 2023 में भी जापान चांद पर लैंडिंग की कोशिश कर चुका है। 2022 में JAXA का लैंडर से संपर्क टूट गया था। जबकि, 2023 में चांद की सतह की ओर बढ़ने के दौरान Hakuto-R-Mission-1 लैंडर क्रैश हो गया था। इसे जापान की ही कंपनी आईस्पेस ने तैयार किया था।

भारत के लिए अहम क्यों

अब जापान की चांद पर लैंडिंग को भारत के लिए भी बेहद खास माना जा रहा है। दरअसल, भारत ने भविष्य में जापान के साथ कई मिशनों पर काम करने की तैयारी की है। भारत ने 23 अगस्त 2023 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान की सफल लैंडिंग को अंजाम दिया था। इसके बाद विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर की मदद से चांद की सतह को लेकर कई अहम जानकारियां भारत ने जुटाईं।

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