जो बाइडन का ऑस्ट्रेलिया दौरा रद्द, जापान के हिरोशिमा में G7 Summit में लेंगे भाग

वाशिंगटन (Washington)। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) ने ऑस्ट्रेलिया (Australia) और पापुआ न्यू गिनी (Papua New Guinea) की अपनी प्रस्तावित यात्रा रद्द (canceled proposed trip) कर दी है। हालांकि बाइडन इस सप्ताह जापान के हिरोशिमा में होने वाले जी7 शिखर सम्मेलन (G7 summit) में शामिल होंगे। इससे पहले खबर आई थी कि अमेरिका बहुत ही जल्द कर्ज चुकाने के मामले में डिफॉल्टर घोषित हो सकता है।

अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन (US Treasury Secretary Janet Yellen) ने सोमवार (स्थानीय समय) को इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि यदि संसद इस मामले में कोई कदम नहीं उठाती है तो अमेरिका जून की शुरुआत में अपने दायित्वों को लेकर डिफॉल्ट घोषित हो सकता है। बता दें कि अमेरिका में तीन प्रमुख बैंक डिफॉल्ट घोषित किए जा चुके हैं।

बाइडन ने ऑस्ट्रेलियाई पीएम अल्बनीस से की बात
व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर बताया है कि राष्ट्रपति बाइडन ने ऑस्ट्रेलियाई पीएम अल्बनीस से बात की है और उन्हें सूचित किया कि वह ऑस्ट्रेलिया की अपनी यात्रा स्थगित कर देंगे। उन्होंने एक आधिकारिक राज्य यात्रा के लिए पीएम अल्बनीस को आमंत्रित किया। साथ ही राष्ट्रपति की टीम ने पापुआ न्यू गिनी की टीम के पीएम के साथ बातचीत कर उन्हें भी जानकारी दी कि बाइडन अपनी यात्रा स्थगित कर रहे हैं।

व्हाइट हाउस प्रवक्ता काराइन जीन-पियरे ने बयान में कहा कि राष्ट्रपति बिडेन जी7 शिखर सम्मेलन के पूरा होने के बाद रविवार को संयुक्त राज्य अमेरिका लौट आएंगे, ताकि कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठकों के लिए वापस आ सकें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कांग्रेस डिफॉल्ट को टालने के लिए समय सीमा के भीतर कार्रवाई करे।

अमेरिका में नकदी की कमी हो सकती है
इससे पहले येलेन ने अप्रैल की कर प्राप्तियों और मौजूदा खर्च स्तरों के आधार पर संभावना जताई थी कि जून की शुरुआत तक अमेरिका में नकदी की कमी हो सकती है। गौरतलब है कि अमेरिका में कुछ क्षेत्रीय बैंकों के पतन ने वैश्विक बैंकिंग क्षेत्र को सेचत किया था और अर्थव्यवस्थाओं में संक्रामक प्रभाव की आशंका पैदा की थी। क्षेत्रीय बैंकों का पतन सिलिकॉन वैली बैंक के साथ शुरू हुआ था। कम ब्याज दरों ने बैंकों के शुद्ध ब्याज लाभ को भी कम कर दिया, जिससे उन्हें कहीं और से परिचालन लागत में कटौती करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

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