दरकता जोशीमठ… बढ़ता खतरा… उजड़ते आशियाने
जोशीमठ। उत्तराखंड (uttarakhand) के जोशीमठ (joshimath) में घरों (houses), खेतों, सडक़ों में आर्इं दरारों (cracks) के बाद स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। प्राकृतिक कहर (natural havoc) अब प्राचीन मंदिरों (ancient temple), आश्रम और कल्पवृक्ष को भी अपनी चपेट में ले रहा है। कल सिंहधर में एक प्राचीन मंदिर गिरने के बाद यहां के कई बड़े मंदिरों और आश्रमों में दरारों के चलते भक्तों और पुजारियों में भय का माहौल है।
प्रशासन (administration) केवल 600 घरों में दरारें आने की बात कह रहा है, जबकि हकीकत में ढाई हजार साल पुराना कल्पवृक्ष, हजारों वर्ष पुराने मंदिर और आश्रमों को भी खतरा उत्पन्न हो गया है। ऐहतियात के तौर पर कुछ मंदिरों को पहले से ही खाली करा लिया गया है। उधर कई पुजारियों और शंकराचार्य ने जोशीमठ में आई दरारों को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है, साथ ही कोर्ट में याचिका दायर की है।
सेना भी अलर्ट पर
जोशीमठ में लगातार बिगड़ते हालात के बाद सेना को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार सिंह ने कहा कि प्रशासन लगातार सेना अधिकारियों के सम्पर्क में है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved