कमलनाथ ने चंबल का पानी नहीं पीकर समस्त चंबलवासियों का अपमान किया है: विष्णुदत्त शर्मा

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चंबल का पानी नहीं पीकर सिर्फ चंबल नहीं, बल्कि समस्त चंबलवासियों को अपमानित किया है। जब एक कार्यकर्ता उनके पास पीने का पानी लेकर आया तो उन्होंने उस पानी को पीने से इंकार कर कोकाकोला पीया। उनके लिए डाइट कोक चंबल के पानी से ज्यादा जरूरी है। यह चम्बल के पानी का अपमान है। कमलनाथ ने चंबल के पानी का ही नहीं, समस्त चंबल क्षेत्र की जनता का अपमान किया है और इसका बदला चंबल क्षेत्र की जनता उनसे लेगी। ये उपचुनाव सिर्फ 28 विधानसभाओं का उपचुनाव नहीं है, ये पूरे प्रदेश को बचाने का उपचुनाव है। ये बातें भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने मुरैना जिले की जौरा विधानसभा के चिन्नौनी में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने दिमनी विधानसभा के रानपुर एवं अम्बाह में भी सभा को संबोधित किया।
अपमान करना कांग्रेस के संस्कार-
प्रदेश अध्यक्ष व सांसद ने कहा कि कमलनाथ ने हमारे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान को भी नंगा-भूखा कहकर उनका नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश की जनता का अपमान किया है। अपमान करना तो कांग्रेस के संस्कारों में ही शामिल है। कांग्रेस और उसके नेताओं को तो जनता का अनादर करना ही अच्छा लगता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं देश के पूर्व गृह मंत्री पी चिंदबरम भी हमारी चंबल की धरती के शेरों, नौजवानों का अपमान कर रहे हैं। पी चिंदबरम् ने धारा 370 का समर्थन किया है और धारा 370 का समर्थन करके उन्होंने हमारे चंबल के नौजवान जो देश की सीमा की सुरक्षा करते हैं उनका अपमान किया है। एक तरफ धारा 370 हटाई तो पूरा देश प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री श्री अमित शाह को साधुवाद दे रहा था, उनका समर्थन कर रहा था, लेकिन ये देश-विरोधी नेता धारा 370 का समर्थन कर रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि एक तरफ श्री श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने एक बात के लिए उद्योग मंत्री के पद का बलिदान कर दिया था। जब देश में पंडित नेहरू के नेतृत्व की सरकार थी तो श्री श्यामाप्रसाद मुखर्जी उद्योग मंत्री थे। उस समय कश्मीर में धारा-370 लगाई जा रही थी तो श्री श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने कहा था कि देश के अंदर ये नहीं चलेगा। उन्होंने एक देश में दो विधान, एक देश में दो निशान, एक देश में दो प्रधान नहीं चलेंगे का नारा दिया था। इसके बाद उन्होंने उद्योग मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। कश्मीर में आंदोलन किया। उनको जेल के अंदर डाल दिया। उसके आधार पर भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई और बाद में भारतीय जनता पार्टी बनी।
यह उपचुनाव बेहद खास है-
श्री शर्मा ने कहा कि यह उपचुनाव कोई आम चुनाव नहीं है, बल्कि ये बेहद खास चुनाव है। यह उपचुनाव जिन परिस्थितियों में हो रहे हैं वह कांग्रेस की देन है। ये 28 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव प्रदेश को बचाने का चुनाव है, प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता की भलाई का उपचुनाव है। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री जिनका मैं नाम नहीं लेना चाहता, उनके शासनकाल में मध्यप्रदेश बंटाढार था। न बिजली थी, न सड़कें थी, न पीने का पानी था और न ही किसानों को सिंचाई करने के लिए पानी की व्यवस्था थीं। लेकिन भाजपा ने संकल्प लिया था कि मध्यप्रदेश को स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाएंगे और अपने संकल्प को पूरा करने का काम भाजपा की सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि जब देश में श्री अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने प्रधानमंत्री सड़क योजना बनाकर देश के हर गांव को सड़कों से जोड़ा। आज प्रदेश में चारों तरफ सड़कों का जाल बिछा हुआ है। बिजल इतनी है कि हमारे प्रदेश की बिजली से दिल्ली की मैट्रो ट्रेन दौड़ रही है।
एक दरबारी अब उद्योगपति हैं-
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में एक उद्योगपति हैं, लेकिन वे गरीब जनता का खून चूसकर और एक परिवार के दरबारी बनकर उद्योगपति बने हैं। जब वे प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उन्हें भ्रम हो गया कि उन्हें जनता ने चुनकर भेजा है, लेकिन जल्द ही उनका यह भ्रम भी दूर हो गया। वे क्या जानें प्रदेश की गरीब जनता एवं किसानों का दुख-दर्द, उन्हें तो बंगलों में रहने की आदत है। श्री कमलनाथ ने 15 माह तक प्रदेश की जनता को छलने का काम किया है। उन्होंने हमारे भांजे-भांजियों की पढ़ाई के लिए चलाई जा रही योजनाओं को बंद कर दिया। हमारी संस्कृति में भांजे-भांजियों को क्या दर्जा दिया जाता है यह सब जानते हैं, लेकिन वे तो उद्योगपति हैं वे ये क्या जानें? भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान ने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना शुरू की थी। इस योजना में बेटियों को शादी में 25 हजार की मदद की जाती थी, लेकिन कांग्रेस की सरकार आई तो श्री कमलनाथ ने कहा कि 25 हजार से क्या होगा, इन्हें 51 हजार रूपए की राशि दी जाएगी, लेकिन 15 माह तक किसी भी कन्या को कन्यादान योजना का एक पैसा नहीं मिला। गरीब को कफन के लिए पांच हजार रूपए की राशि देना भी इन्होंने बंद कर दिया। किसानों के साथ छलावा किया और उन्हें दो लाख रूपए कर्जमाफी का लालच देकर सरकार में आ गए, लेकिन किसी भी किसान की कर्जमाफी नहीं की। ये ही कांग्रेस का असली चेहरा था।

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