इंदौर-बैतूल हाईवे के लिए कन्नौद में जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया जारी

  • दो साल में पूरा होना है प्रोजेक्ट, नागपुर जाना होगा आसान

इंदौर। इंदौर-बैतूल के बीच बनने वाले फोर लेन हाईवे के लिए विभिन्न हिस्सों में जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया तेजी से हो रही है। फिलहाल देवास जिले के कन्नौद में बची जमीनों का अधिग्रहण हो रहा है। इंदौर से करनावद के बीच जमीन अधिग्रहित होने के बाद फोर लेन सडक़ बनाने का काम शुरू हो चुका है। नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) पूरे हाईवे को अलग-अलग हिस्सों में बांटकर अलग-अलग पैकेज में इसका निर्माण कर रही है।

इंदौर-करनावद (28 किलोमीटर) के बाद करनावद से हरदा और हरदा से बैतूल के बीच सडक़ चौड़ीकरण प्रस्तावित है। इंदौर-करनावद सडक़ का काम एनएचएआई की इंदौर यूनिट कर रही है, जबकि बाकी दो हिस्सों का काम हरदा यूनिट को सौंपा गया है। इंदौर-बैतूल हाईवे की कुल लंबाई लगभग 280 किलोमीटर है। अफसरों का कहना है कि राजमार्ग मंत्रालय नई नीति के तहत सबसे पहले किसी हाईवे निर्माण या चौड़ीकरण के लिए जमीन अधिग्रहण करता है, फिर उसे बनाने का कांट्रेक्ट एजेंसियों को सौंपा जाता है।

इससे परियोजना लागत ज्यादा नहीं बढ़ती। हाल ही में कन्नौद जिला प्रशासन ने देवास जिले के कन्नौद में किलोमीटर 63.200 से 92.811 तक जमीनें लेने के लिए अधिसूचना जारी की है। यह अधिसूचना 8.42 हेक्टेयर जमीन लेने के लिए जारी की गई है। एक अन्य अधिसूचना 2.04 हेक्टेयर जमीन के लिए भी जारी की गई है। उम्मीद है कि अगले तीन-चार महीने में जमीनें मिलने के बाद इसी साल उक्त हिस्सों में सडक़ चौड़ीकरण का मैदानी काम दिखने लगेगा।

अभी टू लेन रोड है
मौजूदा इंदौर-बैतूल हाईवे टू लेन है। हर साल बारिश के दौरान यह खस्ताहाल में पहुंच जाता है और फिर महीनों तक गड्ढे नहीं भरे जाते। कई वाहन चालक इंदौर से भोपाल होते हुए नागपुर का सफर करते हैं, जो बहुत लंबा रास्ता है। बैतूल रोड फोर लेन होने से यह परेशानी खत्म हो जाएगी। महाराष्ट्र के नागपुर के अलावा छत्तीसगढ़ आने-जाने वालों के लिए भी यह रास्ता बड़े काम का है। इसके अलावा फोर लेन बनने के बाद यह रोड गुजरात के कांडला पोर्ट की कोलकाता पोर्ट से सडक़ कनेक्टिविटी भी बेहतर हो जाएगी।

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