2 रुपए फीट सालाना लीज रेंट पर दी दवा कम्पनियों को जमीनें

मेडिकल डिवाइस एक्स-पो में 40 एकड़ पर विकसित होने वाले पार्क में कई बड़ी कम्पनियों के मिले निवेश प्रस्ताव

इंदौर। औद्योगिक निवेश पीथमपुर (Industrial Investment Pithampur) सहित अन्य क्षेत्रों में लगातार बढ़ रहा है। इंदौर (Indore) से 40 किलोमीटर दूर मेडिकल डिवाइस पार्क (Medical device park) भी एमपीआईडीसी (MPIDC) द्वारा तैयार किया जा रहा है। अभी अहमदाबाद में लगे एक्स-पो में इस इंदौर के पार्क का भी विवरण प्रस्तुत किया गया। मात्र 2 रुपए स्क्वेयर फीट के सालाना लीज रेंट पर कम्पनियों को जमीन उपलब्ध कराई जा रही है। देश की कई बड़ी मेडिकल डिवाइस बनाने वाली दवा सहित अन्य कम्पनियों ने ढाई हजार करोड़ से अधिक के निवेश के प्रस्ताव भी सौंप दिए हैं, जिसमें 25 हजार स्क्वेयर फीट से लेकर 8 एकड़ से अधिक आकार के बड़े भूखंड भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। 200 एकड़ से अधिक जमीन पर इस तरह के भूखंड उपलब्ध हो रहे हैं। वैसे तो डिवाइस पार्क के लिए 350 एकड़ से अधिक जमीन आरक्षित की गई है।

एमपीआईडीसी के कार्यकारी संचालक राजेश राठौर ने एक जानकारी में बताया कि जो मेडिकल डिवाइस पार्क तैयार किया जा रहा है उसमें प्रदेश शासन की नीतियों के मुताबिक ही उद्यमियों-निवेशकों को सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। केन्द्र सरकार ने मेडिकल डिवाइस पार्क को लेकर जो पॉलिसी जारी की है उसका भी शत-प्रतिशत अमल किया जा रहा है। अभी अहमदाबाद में मेडिकल डिवाइस एक्स-पो का आयोजन भी किया गया, जिसमें श्री राठौर भी शामिल हुए और देशभर से आए इस क्षेत्र के विशेषज्ञों और अधिकारियों को इंदौर के पास तैयार हो रहे मेडिकल डिवाइस पार्क की जानकारी भी दी। देश के साथ-साथ विदेश की कुछ कम्पनियों ने भी इस पार्क में निवेश करने में रुचि दिखाई है। अभी टोर्न रिसर्च एंड डवलपमेंट, आइरिश इंडिया, केल्ड्रियस मेडिकल प्रा.लि., मेसर्स बिग लाइन, सन फॉक्स टेक्नोलॉजिस, बायोनिक हेल्थ केयर, युवाइट टेक्नोलॉजी सहित कुछ अन्य कम्पनियों ने भी प्रस्ताव दिए हैं। उल्लेखनीय है कि मेडिकल डिवाइस की मांग लगातार बढ़ रही है और अभी 90 फीसदी तक मेडिकल डिवाइस यानी उपकरण विदेशों से आयात किए जाते हैं। अब पहली बार देश में इस तरह के मेडिकल डिवाइस पार्क केन्द्र सरकार द्वारा बनवाए जा रहे हैं। अभी देशभर में 4 ऐसे पार्क को विकसित किया जा रहा है। मध्यप्रदेश के अलावा तमिलनाडू, हिमाचल, उत्तरप्रदेश में ये पार्क विकसित हो रहे हैं। पॉलिसी के मुताबिक 20 रुपए वर्गमीटर यानी लगभग 2 रुपए स्क्वेयर फीट सालाना लीज रेंट पर जमीन उपलब्ध कराने के साथ-साथ सस्ती बिजली और सडक़, ड्रेनेज, पानी सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं भी इन कम्पनियों को उपलब्ध कराई जाएगी। इस डिवाइस पार्क में जो प्लांट लगेंगे वहां पर डायग्नोस्टिक, ईसीजी मशीनें, ट्रामा इम्प्लांट, मेडिकल टेस्टिंग किट, सर्जिकल ड्रेसिंग, आईसीयू मॉनिटर, सर्जिकल गाउन, कैप से लेकर इन्क्यूबेटर, ऑर्थोपेडिक, इम्प्लांट सहित वे सामग्रियां उत्पादित होंगी जिनका इस्तेमाल ऑपरेशन से लेकर कई तरह के इलाज में होता है।

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