महाकाल मंदिर हुआ अरबपति, आय कई गुना बढ़ी

  • सप्त ऋषियों की मूर्ति गिरने और भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद भी श्रद्धालुओं की संख्या कम नहीं-आ रहे हैं लाखों लोग

उज्जैन। हिंदू आस्था के प्रतीक भगवान शंकर के देशभर में 12 ज्योतिर्लिंग हैं जिनके दर्शन श्रद्धालुओं को पुण्य-लाभ देते हैं। आस्था के इन पावन तीर्थों में उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल भी हैं, जिनके मंदिर परिसर में महाकाल लोक का निर्माण हुआ, महाकाल लोक बनने के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ में पहले से 10 गुना बढ़ोतरी हुई है। महाकाल मंदिर की आय में भी करोड़ों रुपए की वृद्धि दर्ज की गई है और एक तरह से पैसा बरस रहा है। यह अलग बात है कि महाकाल लोक की मूर्तियाँ टूट रही है और कई तरह के विवाद सामने आ रहे हैं।

उज्जैन में अक्टूबर 2022 में महाकाल लोक का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था, तब से न सिर्फ महाकाल में भक्तों की भीड़ बढ़ी है, बल्कि दान से महाकाल राजा का भंडार भी भर गया है। दान के साथ ही महाकाल मंदिर के अन्य आय स्त्रोत जिनमें शीघ्र दर्शन, गर्भगृह दर्शन, भस्म आरती दर्शन, लड्डू प्रसादी से भी महाकाल मंदिर की आय में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है। मंदिर समिति प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि न सिर्फ महाकाल के दर्शनार्थियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है, बल्कि बाबा महाकाल के भक्तों ने दिल खोल कर राशि भी भेंट की है, इससे महाकाल की आय 3 गुना बढ़ी है। बाबा महाकाल के दर्शन के लिए रोजाना डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालु उज्जैन आ रहे हैं। यह संख्या शनिवार-रविवार और सोमवार या पर्व-त्यौहार के दिन 2 लाख से ज्यादा पहुँच जाती है। महाकाल के दरबार में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी तो महाकाल की आमदनी और दान में 60 से 70 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो गई। 11 अक्टूबर के बाद से दान में 60 से 70 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। लगातार भक्तों की संख्या बढ़ रही है। दो साल के अंतिम तीन महीनों का ब्यौरा देखें तो जहाँ सन 2021 के अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर के दौरान 14 करोड़ रुपए का दान मिला था। इसमें लड्डू प्रसादी शामिल नहीं है, वहीं 2022 में इन्हीं तीन महीनों में 22.50 करोड़ रुपए मंदिर को मिले हैं। इसमें शीघ्र दर्शन, नंदी हॉल, पूजन, विभिन्न भेंट पेटी से आया दान शामिल है। इसमें भी लड्डू प्रसादी शामिल नहीं है। मंदिर में महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद साल के अंतिम महीने 10 दिसंबर से नए वर्ष 16 जनवरी तक शनिवार, रविवार और सोमवार तीन दिनों के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के दर्शन करने पहुंचे थे। इन 6 दिनों में ही रिकॉर्ड दान मंदिर समिति को मिला था। सबसे ज्यादा दान 7, 8, 9 जनवरी को 78 लाख 66 हजार रुपए मिला। इसी तरह, प्रसाद से सबसे ज्यादा 31 दिसंबर से 2 जनवरी तक 2 करोड़ 58 लाख रुपए मिले। दिसंबर और जनवरी के महीने में कुल दान दो करोड़ 73 लाख से अधिक और प्रसाद से 4 करोड़ 60 लाख से अधिक मिले हैं।

6 महीने में 3 गुना तक बढ़ी आमदनी
महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति से मिली जानकारी के अनुसार अक्टूबर 2022 में मंदिर की आय 4.97 करोड़ थी। इसमें 6 महीने के दौरान करीब 3 गुना बढ़ोतरी हुई है अब अप्रैल 2023 में महाकाल मंदिर की आय 14.26 करोड़ की आय पर पहुँच गई थी। यह आंकड़ा मई और जून में और अधिक जा सकता है। अभी महाकाल लोक के फेज-टू का काम चल रहा है। मंदिर प्रबंधन को उम्मीद है कि इसके बाद श्रद्धालुओं की संख्या में और बढ़ोतरी हो सकती है। महाकाल का लड्डू प्रसादी प्रसिद्ध है महाकाल मंदिर के दर्शन के बाद भक्त विभिन्न काउंटरों से महाकाल का प्रसाद जरूर ले जाते हैं। 11 अक्टूबर से पहले रोजाना मंदिर से लड्डू प्रसादी की बिक्री करीब 25 से 30 क्विंटल रोजाना होती थी, ये अब बढ़कर प्रतिदिन 70 क्विंटल तक पहुँच गई है। हालांकि मंदिर समिति लड्डू प्रसादी बगैर मुनाफे में भक्तों को दे रही है।

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