Maharashtra: मछली पकड़ने नदी में घुसा युवक का शार्क ने चबाया, ग्रामीणों ने बचाई जान

पालघर (Palghar)। महाराष्ट्र (Maharashtra) के पालघर (Palghar) में मनोर के पास वैतरना नदी (Vaitarna River) में एक युवक मछली पकड़ने के लिए घुसा. इस दौरान उसे एक शार्क नजर आई. इस दौरान शार्क ने युवक का पैर चबा (Shark chews young man’s leg) लिया. युवक के चिल्लाने पर मौके पर मौजूद अन्य ग्रामीणों ने उसे बचाने की कोशिश की. इस दौरान युवक आधा पैर शार्क ने पूरी तरह से चबा डाला।

इस शार्क (Shark) का वजन अनुमानित 200 किलोग्राम बताया जा रहा है. दरअसल, खाड़ी में उतरकर कई लोग मछली पकड़ रहे थे. उसी दौरान 32 वर्षीय विक्की सुरेश गोवारी के पैर से शार्क टकरा गई. शार्क के तुरंत विक्की सुरेश का पैर मुंह में दबा लिया. इसके बाद युवक चीखने चिल्लाने लगा।

जब तक शार्क ने युवक का पैर छोड़ा, तब तक वह आधा पैर पूरी तरह चबा चुकी थी. इसके बाद अन्य लोगों ने युवक को तुरंत इलाज के लिए सिलवासा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. मनोर ग्राम पंचायत के गायकवाड़ डोंगरी के ग्रामीणों ने करीब 200 किलोग्राम वजनी शार्क को पकड़ लिया. इसके बाद शार्क की मौत हो गई।

रत्नागिरी के गणपतिपुले तट पर फंस गया था व्हेल का बच्चा
बता दें कि इससे पहले रत्नागिरी के गणपतिपुले तट पर 35 फीट लंबा व्हेल का बच्चा फंस गया था. इसे 40 घंटे की मशक्कत के बाद वापस समुद्र में धकेला जा सका था. अधिकारियों ने इसे रेयर रेस्क्यू ऑपरेशन बताया था. अधिकारियों ने बताया था कि करीब चार टन वजन का व्हेल का बच्चा तट पर आ गया था.

यहां कम ज्वार की वजह से समुद्र तट पर रेत में फंस गया. पर्यटकों और स्थानीय लोगों ने देखा तो रत्नागिरी पुलिस, तटरक्षक बल समेत अन्य अधिकारियों को सूचना दी. इसके बाद बचाव अभियान चलाया गया. व्हेल के बच्चे को समुद्र की गहराई तक पहुंचाने के लिए अग्निशमन दल, पुलिस और स्थानीय लोगों ने प्रयास किए, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी थी. इस दौरान पशु चिकित्सकों की टीम भी मौके पर पहुंच गई थी. टीम ने व्हेल को जिंदा रखने के लिए उसे तरल पदार्थ दिए थे।

रेस्क्यू अभियान में जुटे लोगों ने व्हेल हाइड्रेटेड रखने के लिए उस पर समुद्री पानी डाला था और उसे बचाने के लिए कॉटन से ढक दिया था. इसके बाद व्हेल के बच्चे को बेल्ट से बांधकर और घसीटकर धकेलने का प्रयास किया गया, लेकिन इससे उसकी पूंछ के पास चोटें लग गईं. इसके बाद अधिकारियों ने ये प्लान रद्द कर दिया।

इसके बाद एक टगबोट (नाव को खींचकर ले जाने वाली बोट) लाई गई थी और व्हेल को जाल में डाला गया था. हाई टाईट के दौरान व्हेल को पानी में धकेलना शुरू कर दिया. कई घंटों तक लगातार रेस्क्यू के बाद व्हेल के बच्चे को टगबोट से समुद्र में 7 से 8 समुद्री मील तक ले जाया गया था. इसके बाद वह समुद्र की गहराई में चला गया था।

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