झेल नहीं पाए एक करोड़ कर्ज का बोझ, दादी से लेकर पोते तक एक ही परिवार के नौ लोगों ने दी जान

मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) के सांगली (Sangli) में दिल दहला दोने वाली घटना सामने आई है। यहां एक परिवार के 9 सदस्यों (9 members of a family) ने जहर खाकर आत्महत्या (suicide by consuming poison) कर ली। मिराज तालुका के म्हैसल में यह घटना हुई। मरने वालों में सबसे ज्यादा उम्र 72 साल की बुजुर्ग महिला की थी। वहीं महिला के पोते की उम्र 15 साल की है जो कि सबसे छोटा था। पुलिस का कहना है कि परिवार पर एक करोड़ रुपये का कर्ज हो गया था। लोग बार-बार उनसे अपना पैसा वापस मांगते थे। इसी दबाव में पूरे परिवार ने खुदकुशी कर ली।

कैसे सामने आई घटना
घटना का पता तब चला जब कि घर पर दूधिया आया। उसने डोर बेल बजाई लेकिन कोई दरवाजा खोलने नहीं आया। परिवार के मुखिया जाने-माने वेटेरिनरियन थे। जब उसने खिड़की से लिविंग रूम में देखा तो 6 शव पड़े थे। दूधिया डॉक्टर के परिवार के सदस्यों को जानता था। एक किलोमीटर की दूरी पर उनके बड़े भाई पोपट वाहनमोरे रहते थे जो कि एक शिक्षक थे। उनका फोन मिलाया गया लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला।बाद में पता चला कि उसी तरह उनके भी घऱ में तीन लाशें पड़ी थीं।

पड़ोसियों ने बताई हैरान करने वाली बात
मरने वालों की उम्र 15 साल से लेकर 72 साल तक है। पुलिस का कहना है कि घटनास्थल से दो सूइसाइड नोट मिले हैं जिससे पता चलता है कि परिवार भयंकर आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। सांगली पुलिस ने 25 लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है। शिक्षक रहे वाहनमोरे के पड़ोसियों का कहना है कि उनकी बेटी कोल्हापुर में बैंक ऑफ बड़ोदा में काम करती थी और रविवार को ही दादी के साथ आई थी। परिवार ने पड़ोसियों को पानी-पूरी खाने के लिए बुलाया था। लेकिन तब ऐसा नहीं लगता था कि सभी सूइसाइड भी कर सकते हैं।

पड़ोसियों ने कहा कि डॉक्टर का परिवार भी बहुत हेल्पफुल था। कठिन समय में वे हमेशा लोगों के साथ खड़े रहते थे। उन्होंने कहा, ‘इस घटना को शब्दों से बयां करना मुश्किल है। घटना ने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया।’ 15 हजार की आबादी वाला म्हैसल पहले भी एक बार चर्चा में रह चुका है। यहां 2017 में गंदे पानी के नाले में 19 फीमेल भ्रूण पाए गए थे।

कोल्हापुर रेंज के इंस्पेक्टर जनरल मनोज लोहिया मौके पर पहुंचे और कहा कि प्रथम दृष्ट्या घटना मास सूइसाइड की लगती है। पूरे परिवार ने ही आत्महत्या कर ली। किसी भी मृतक के शरीर पर कोई बाहरी चोट नहीं थी।

लोहिया ने कहा कि घटनास्थल से जो नोट मिला है उसमें लिखा है कि उन्होंने एक करोड़ रुपये का कर्जा लिया था और अब लोग परेशान कर रहे थे। हालांकि दो जगहों पर हुई एक जैसी घटना को मिलाने और जांच करने की कोशिश की जा रही है। इन दोनों ही परिवारों ने बैंकों, क्रेडिट सोसाइटी, रिश्तेदारों से बड़ी मात्रा में कर्ज लिया था। पुलिस का कहना है कि उनके घर से पांच लाख और दो लाख का रिकवरी नोटिस भी मिला है।

खजाने की खोज का ऐंगल
एक पड़ोसी विक्रम कथाले का कहना है कि वह मृतक परिवार को अच्छी तरह से जानते थे। उन्होंने कई फाइनैंशल स्कीम में पैसे लगा रखे थे लेकिन उन्हें अच्छा रिटर्न नहीं मिल पा रहा था। पुलिस ‘खजाने की खोज’ के ऐंगल से भी जांच कर रही है। दोनों ही भाई उन लोगों से संपर्क में रहते थे जिन्होंने छिपी हुई रकम दिलाने का वादा किया था।

Leave a Comment