संदेशखाली मामले की CBI जांच के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पहुंची ममता सरकार, कल सुनवाई

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव में संदेशखाली का मुद्दा फिर से गरमा गया है. एक ओर, संदेशखाली में सीबीआई और एनएसजी ने हथियारों का जखीरा बरामद किया है, तो दूसरी ओर, ममता सरकार संदेशखाली कांड की सीबीआई जांच रोकने के लिए पूरी ताकत लगा रही है. इस बार राज्य सरकार ने कलकत्ता हाई कोर्ट के सीबीआई जांच आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर उच्चतम न्यायालय में न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति बी.आर. गवई की पीठ में सोमवार को सुनवाई होने की संभावना है.

सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में बंगाल सरकार ने कहा है कि उच्च न्यायालय के 10 अप्रैल, 2024 के आदेश ने पुलिस बल सहित पूरे राज्य तंत्र को हतोत्साहित किया है. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक बहुत ही सामान्य आदेश में राज्य को बिना किसी दिशानिर्देश के सीबीआई को सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है. यह राज्य पुलिस की शक्तियों को हड़पने के समान है.

हाईकोर्ट ने दिया था सीबीआई जांच का आदेश
बता दें कि 10 अप्रैल को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने संदेशखाली के सभी मामलों की सीबीआई जांच का आदेश दिया था. उस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य को सीबीआई को हर संभव सहायता प्रदान करने का आदेश दिया है. साथ ही हाई कोर्ट ने सीबीआई को एक पोर्टल बनाने का निर्देश दिया था, ताकि लोग सीधे शिकायत दर्ज कर सकें. मूल रूप से जमीन कब्जाने, यौन उत्पीड़न, खेती की जमीन हड़पने के सभी आरोपों के आधार पर हाई कोर्ट ने जांच करने को कहा था. इसके बाद सीबीआई को ईमेल पर 50 शिकायतें मिली है. सीबीआई ने इन शिकायतों के आधार पर पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.

इस बीच, सीबीआई ने शुक्रवार को संदेशखाली में शेख शाहजहां के एक करीबी रिश्तेदार के घर पर छापा मारा और बड़ी मात्रा में फायर आर्म्स और बम बरामद किए. उन्हें निष्क्रिय करने के लिए एनएसजी को तैनात किया गया था. यह शाहजहां शेख के करीबी का घर था. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय एजेंसी सोमवार को बशीरहाट कोर्ट में आर्म्स एक्ट और एक्सप्लोसिव एक्ट जोड़ने की अर्जी दाखिल कर सकती है. इसके साथ ही संदेशखाली में ईडी पर हमले के मामलों में यह नई धारा जुड़ने जा रही है.

ईडी अधिकारियों पर हुए थे हमले
संदेशखाली की घटना 5 जनवरी को सुर्खियों में आई थी. उस दिन ईडी शेख शाहजहां के घर की तलाशी लेने गयी थी. इसके बाद उनके समर्थकों ने ईडी और सीआरपीएफ जवानों पर हमला कर दिया था. पुलिस ने 56 दिन बाद उसे गिरफ्तार किया था. इस बीच संदेशखाली में जमीन कब्जाने और महिला उत्पीड़न जैसी गंभीर शिकायतें सामने आई थी.

कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर संदेशखाली घटना की जांच अब सीबीआई. ने अपने हाथ में ली और छापेमारी की. पिछले शनिवार को भी सीबीआई की दो टीमें संदेशखाली गई थीं और छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में हथियार बरामद किए.

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