मराठा आरक्षण को लेकर अनशन पर बैठे मनोज जरांगे की तबीयत बिगड़ी, 4 दिनों से कर रहे थे भूख हड़ताल

मुंबई: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण (Maratha reservation in Maharashtra) को लेकर आमरण अनशन (Hunger Strike till death) पर बैठे मनोज जरांगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) के अनशन का आज पांचवा दिन है. अपनी मांगों को लेकर अनशन पर बैठे जरांगे ने इस बार कसम खा ली है कि जबतक सरकार उनकी मांगे नहीं मानते तब तक इस बार ना तो वह अनशन तोड़ेंगे और ना ही अपना इलाज करवाएंगे. मनोज जरांगे पाटिल के अनशन के पांचवे दिन उनकी हालत बिगड़ गई (condition worsened) है. साथ ही मराठा आरक्षण के लिए सकल मराठा समुदाय ने आज बंद बुलाया है. जालना जिले के मराठा समुदाय ने भी सख्ती से बंद का आह्वान किया है. धाराशिव जिले में ST बस पर पथराव. धाराशिव तुलजापुर भवानी रोड पर आयुर्वेदिक कॉलेज के पास बस पर पथराव किया गया. मनोज जरांगे की तबीयत बिगड़ने से मराठा नाराज हैं.

मनोज जरांगे पाटिल की हालत खराब है. खबरों की मानें तो उनकी नाक से ब्लड आ रहा है लेकिन उन्होंने इलाज करवाने से इंकार कर दिया है. इधर मनोज जरांगे पाटिल के समर्थन में मराठा आंदोलनकारी ने महाराष्ट्र के कई जिलों में बंद बुलाया है, बीड़, हिंगोली और मनमाड़ में बंद का असर दिखने लगा है. जालना-जलगांव रोड पर मराठा आंदोलनकारियों ने टायर जला दिए. बंद की वजह से जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है. 13 फरवरी की आधी रात से बीड में 27 फरवरी तक धारा 144 लगा दी गई है. हर जिले के चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है. मराठा लोग प्रशाशन से काफी नाराज हैं और उनपर लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे हैं.

सरकारी अधिकारी जारांगे से मिल रहे हैं और उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि, जारांगे ने कड़ा रुख अपनाते हुए साफ कहा है कि जबतक मांगे पूरी नहीं की जाएगी तबतक कोई समझौता नहीं होगा, सरकार पहले मांगें पूरी करें और फिर मेरे पास आएं. बता दें, मनोज जारांगे ने भोजन और पानी का त्याग कर दिया है. उन्होंने डॉक्टरों से किसी भी तरह का इलाज कराने से भी इनकार कर दिया. मराठा आरक्षण अधिसूचना लागू हो यह सुनिश्चित करने के लिए मराठा कार्यकर्ता मनोज जारांगे पाटिल ने फिर से अनशन की शुरूआत कर दी है. कुनबी रिकार्ड ढूंढने वालों को प्रमाण पत्र दिया जाए. साथ ही जारांगे पाटिल की मांग है कि ‘सज्ञसोराय’ को लेकर और अधिक स्पष्टता लाई जानी चाहिए. मराठा आरक्षण के मुद्दे और उस पर काम को लेकर मनोज जारांगे पाटिल चौथी बार भूख हड़ताल पर हैं.

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