महाराष्ट्र में मराठा आंदोलन बना उग्र, इस्तीफा देने को तैयार सांसद और विधायक, जाने क्‍या है स्थिति

मुंबई (Mumbai) । महाराष्ट्र (Maharashtra) में मराठा आंदोलन (Maratha movement) बेहद उग्र हो गया है। सोमवार को भीड़ ने पूर्व मंत्री और दो विधायकों के आवास और कार्यालय में आगजनी की। इसके बाद बीड़ जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। सरकार ने पुलिस को अलर्ट कर दिया है और संवेदनशील जगहों पर कर्फ्यू (curfew) लगाने का आदेश दिया है। बीड़ में सोमवार को एनसीपी के दो विधायकों के घरों में तोड़फोड़ की गई और वाहनों को आग के हवाले कर दिया या। इसके अलावा शिवसेना (UBT) नेता और पूर्व मंत्री के कार्यालय को आग के हवाले कर दिया गया।

इस्तीफा देने को तैयार सांसद विधायक
प्रदर्शनकारियों ने शरद पवार गुट के विधायक संदीप क्षीरसागर के घर में आग लगा दी और वाहनं का आग लगा दी। पुलिस का कहना है कि इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। शिवसेना सांसद हेमंत पाटिल के इस्तीफे के ऐलान के बाद कई नेता अपना इस्तीफा सौंपने को तैयार हैं। उनका कहना है कि अगर सरकार जल्द ही मराठा आरक्षण का ऐलान नहीं करती है तो वे इस्तीफा दे देंगे। इसमें कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना के विधायक शामिल हैं।

जुन्नार से विधायक अतुल बेंके भी मराठा आंदोलन में शामिल हो गए। उन्होंने कहा, मैं विधायक हूं लेकिन अपने समुदाय से बड़ा नहीं हूं। मैं आरक्षण के मुद्दे पर अपने लोगों के साथ हूं। मैं सरकार से अपील करता हूं कि विशेष सत्र बुलाकर बिना देरी किए आरक्षण का ऐलान किया जाए। अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो हम इस्तीफा दे देंगे। परभनी से कांग्रेस विधायक सुरेश वारपुरकर ने भी कहा है कि उनका त्यागपत्र तैयारर है। उन्होंने कहा, पिछली बार जब जरागें भूख हड़ताल पर तो सरकार ने 30 दिन का समय मांगा था। हालांकि जरांगे ने सरकार को 40 दिन का वक्त दिया था। अब सरकार को अपना वादा पूरा करना चाहिए। मैंने अपना त्यागपत्र तैयार कर लिया है। बीड़ में आंदोलन हिंसक होने के बाद गेवराई से भाजपा विधायक लक्ष्मण पवार ने भी कहा है कि वह अपना त्यागपत्र तैयार कर रहे हैं।

सांसदों ने भी त्यागपत्र तैयार किया
नाशिक से दो बार के शिवसेना विधायक हेमंत गोडसे ने अपनी पार्टी चीफ सीएम एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर कहा है कि वह इस्तीफा देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी चीफ से मंजूरी मिलने के बाद वह लोकसभा स्पीकर को अपना त्यागपत्र सौंप देंगे। महाराष्ट्र की ग्राम पंचायतों तक में इस्तीफे का दौर चल रहा है। सरपंच भी जरांगे के समर्थन में अपना पद छोड़ रहे हैं। महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्से में प्रदर्शन हो रहे हैं।

बता दें कि मनोज जरांगे ने 25 अक्टूबर से अपनी भूख हड़ताल दोबारा शुरू कर दी है। इससे पहले वह 29 अगस्त से 14 सितंबर तक भूख हड़ताल पर थे। मुख्यमंत्री और मंत्रियों के पहुंचने के बाद उन्होंने 40 दिन का अल्टमेट देते हुए अनशन तोड़ा था। अब उनके समर्थन में कई विधायक और सांसद भी खड़े हैं। हिंसा के बीज भाजपा विधायक लक्ष्म माधवराव पवार और एनसीपी के जिला अध्यक्ष राजेश्वर चव्हान ने इस्तीफा दे दिया है।

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