गद्दे-डॉक्टर-खाना, बंधकों को आखिर कैसे रख रहा है हमास; कब्जे से लौटी महिला ने बता दिया सब कुछ

नई दिल्ली: ‘मैं नरक से गुजर चुकी हूं’, ये कहना है हमास के चंगुल से रिहा हुई इजराइल की 85 साल की एक बुजुर्ग महिला का. इनका नाम योचेवेद लिफ्सचिट्स है. योचेवेद लिफशिट्ज को हमास के लड़ाकों ने 7 अक्टूबर को बंधक बनाया था और अब उन्हें एक और महिला के साथ रिहा कर दिया गया है. कैद से बाहर आकर बुजुर्ग महिला ने अपनी आपबीती सुनाई है. उन्होंने बताया कि 7 अक्टूबर को जब उन्हें बंधक बनाया गया था तो हमास के लड़ाकों ने उनके साथ काफी मारपीट की. काफी बुरा व्यवहार किया गया था. उन्हें गाजा की एक सुरंग में रखा गया था. उन्हें उम्मीद नहीं थी वो कभी कैद से रिहा हो पाएंगी. उन्हें सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी.

सुरंगों में तैनात हैं सुरक्षा गार्ड
लिफशिट्ज ने बताया कि बाद में सभी के साथ अच्छा व्यवहार किया जाने लगा. एक डॉक्टर ने उनसे मुलाकात की और उनकी सभी जरूरतों का ध्यान रखा गया. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि गाजा की सुरंगों में कमरे बने हुए थे. जहां गार्ड तैनात किए गए थे, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं जो सभी की जरूरतों का पूरा ध्यान रखती थीं.

बंधकों का रखा जाता है पूरा ख्याल
वहां के हालातों को बयां करते हुए बुजुर्ग महिला ने बताया कि बंधक बनाए जाने के दौरान सभी लोगों को काफी अच्छा खाना दिया गया. खाने में पनीर खीरा भी दिया जाता था. साथ ही दवाइयों का भी पूरा ख्याल रखा जाता था. उन्होंने बताया कि बंधक बनाए जाने के दौरान वो काफी जख्मी हो गई थीं, जिसका इलाज भी सुरंग में ही किया गया. करीब चार पांच डॉक्टर चेकअप के लिए आते थे.

सोने के लिए कमरों में लगे हैं गद्दे
इसके अलावा उन्होंने बताया कि सुरंग में जिन कमरों में लोगों को बंधक बनाकर रखा गया है वो काफी अच्छे और साफ सुधरे हैं. नीचे जमीन पर सभी के सोने के लिए गद्दे भी लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि सभी बंधकों को वही खाना दिया जाता था जो वहां के गार्ड खाते थे. इजराइल और हमास के बीच छिड़ी जंग में ना जाने कितने लोग बेघर हो गए हैं. दोनों तरफ ही तबाही का मंजर नजर आ रहा है. बताया जा रहा है कि अभी भी करीब 200 से ज्यादा इजराइली नागरिक हमास के कब्जे में है. इनमें से कुछ लोगों को उसने रिहा कर दिया है.

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