नपाध्यक्ष के दलाल देवर ने तहसील कर्मियों को धमकाया, गाली गलौज

  • परिसर में दलालों का डेरा खुलेआम टोपीबाजी
  • 2 पटवारियों पर रुपयों सहित दस्तावेज उठाने का आरोप
  • अग्निबाण ने पूर्व में चेताया अफसरों ने नहीं दिया ध्यान

विजय सिंह जाट गुना। अग्निबाण के 17 मार्च के अंक में शीर्षक कलेक्ट्रेट तहसील परिसर के अतिक्रमण कारी प्रशासन पर भारी से छपी खबर के बाद प्रशासनिक व राजस्व अफसरों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी और जब गरीब कृषकों मजदूर वर्ग व अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों से तहसील परिसर में बैठे दलालों के द्वारा कागजात बनवाने के नाम पर रुपयों की वसूली की लगातार शिकायतें अफसरों के पास पहुंचने लगीं तो उन्होंने कार्यवाही कर कुछ नामचीन दलालों को खदेड़ा जिससे रुष्ट होकर अब दलाल उल्टे तहसील के कर्मचारियों की ही शिकायत कर रहे हैं। नपाध्यक्ष सविता गुप्ता का देवर व भाजपा से निष्कासित अरविंद गुप्ता का भाई संजय गुप्ता जो कि तहसील परिसर में बैठकर फार्म आदि बेचता है उसके खिलाफ लगातार शिकायतों के बाद जब राजस्व टीम समझाइश देने पहुंची तो उल्टा पुलिस को शिकायत कर दी कि 2 जून को 2 पटवारी आए ओर 25000 से भरा बैग कुछ ओरिनल दस्तावेज व टेबल कुर्सी उठाकर ले गए हैं, मामले में गुना तहसीलदार गौरी शंकर बैरवा ने कहा है कि शिकायत मनगढ़ंत है, कागजात बनबाने के नाम पर रुपयों की वसूली की शिकायतें लगातार मिल रही हैं।

तहसील परिसर में दलालों का जमावड़ा, शाम ढलते शराबखोरी।
तहसील परिसर दलालों का अड्डा बन गया है दूरदराज से आने वाले भोले-भाले ग्रामीण मजदूर वर्ग के लोगों से उनके कागजात बनवाने के नाम पर जमकर रूपयों की वसूली हो रही है, विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि सामान्य जाति के आरक्षण का कार्ड बनाने के नाम पर 5000 से लेकर 10000 तक की वसूली दलालों के द्वारा की जा रही है वहीं आय,जाति मूल निवासी कागजातों के लिए 2000 से 5000 तक वसूल रहे हैं सूत्र यह भी बताते हैं कि परिसर में विचरण करने वाले दल्ले सीमांकन बटांकन नामांतरण आदि कामों को कराने का भी ठेका लेते हैं और रुपया ऐंठकर आवेदक को लगातार नियमों की दुहाईयां देकर टरकाया जाता है।

अनेकों बार शिकायतें, कार्यवाही नहीं, दलालों के हौसले बुलंद
तहसील परिसर में अपना स्थाई अड्डा जमाए बैठे नामचीन दलालों के कारनामों की शिकायतें लगातार पुलिस प्रशासनिक व राजस्व अधिकारी कर्मचारियों के पास पहुंच रहे हैं लेकिन उनके खिलाफ ठोस कार्यवाही ना होने से हौसले बुलंदी पर बने हुए हैं दलालों के द्वारा किए गए अनेकों फर्जीवाड़े अफसरों के सामने आ चुकी आ चुके हैं ऐसे ही कुछ मामलों में पुलिस के द्वारा एफ आई आर भी दर्ज की गई हैं उसके बाद भी दलाल तहसील परिसर का अड्डा छोडऩे को तैयार नहीं है वहीं पुलिस व प्रशासनिक अफसर भी उनके खिलाफ ठोस कार्यवाही नहीं कर पा रहे हैं।

दलाल अब राजस्व कर्मियों पर भारी साबित
विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि सामान्य जाति को मिलने वाले आरक्षण कार्ड को बनवाने के नाम पर मोटी रकम तहसील परिसर के दलाल ऐंठ रहे हैं जब ऐसे ही कुछ मामलों में दलालों ने जल्द कागजात बनवाने का ठेका ले लिया और नियम कानून में आवेदन उलझा तो नपाध्यक्ष के देवर ने पटवारियों के कार्यालय पहुंचकर उनको जमकर गाली-गलौज की और धमकियां भी दीं, बताया जाता है कि उसके बाद भी जब बात नहीं बनी तो पुलिस को रुपए व दस्तावेज से भरा बैग उठाकर ले जाने की शिकायत दर्ज करा दी।

इनका कहना है
सरकारी कागजात बनवाने के नाम रूपपों की वसूली की शिकायतें लगातार मिल रही थीं परिसर में बैठने संबंधी कागजात चाहे गए जो मौके पर नहीं मिले, पटवारियों पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं, मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है।
गौरी शंकर, बैरवा गुना शहर तहसीलदार
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