मप्र में सहकारी संस्थाओं में प्रशासक बन सकेंगे मंत्री

  • निगम, मंडल और प्राधिकरण में जल्दी ही नियुक्ति की संभावना

भोपाल। प्रदेश की शीर्ष सहकारी संस्थाओं में अध्यक्ष बनने का अधिकार सरकार ने सांसद और विधायकों को भी दे दिया है। इसके लिए सहकारी अधिनियम में अध्यादेश के माध्यम से संशोधन किया जा चुका है। अब एक बाद फिर सरकार अधिनियम में संशोधन की तैयारी कर रही है। इसके माध्यम से अपेक्स बैंक सहित शीर्ष सहकारी संस्थाओं में विभागीय मंत्री चुनाव ना होने की सूरत में प्रशासक बनाए जा सकेंगे। अभी यह प्रविधान नहीं है। यही वजह है कि सरकार सहकारिता मंत्री को अपेक्स बैंक का प्रशासक नहीं बना सकी है। जबकि, निगमों में अधिकारियों को हटाकर विभागीय मंत्रियों को अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सरकार ने सहकारी अधिनियम में संशोधन करके यह प्रविधान भी कर दिया है कि प्रशासक की सहायता के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाई जा सकेगी। इसमें तीन सदस्य वो होंगे जो सोसायटी के संचालक मंंडल का सदस्य निर्वाचित होने की पात्रता रखते होंगे। एक सदस्य पंजीयक का प्रतिनिधि और एक वित्त पोषक संस्थाओं से होगा। संस्थाओं में सरकार अपनी अंशपूंजी भी आवश्यकता के अनुसार बढ़ा सकेगी। इसके साथ ही अब एक और संशोधन की तैयारी सहकारिता विभाग ने की है। इसमें चुनाव न होने की सूरत में विभागीय मंत्री को प्रशासक बनाया जा सकेगा। दरअसल, अभी प्रशासक की परिभाषा में सिर्फ संचालक बनने की पात्रता रखने वाला व्यक्ति या तृतीय श्रेणी कार्यपालिक अधिकारी आते हैं। इसमें विभागीय मंत्री शामिल नहीं हैं। इस परिभाषा में संशोधन के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। यदि मंजूरी मिलती है तो फिर कैबिनेट के माध्यम से इसे विधानसभा के बजट सत्र में संशोधन विधेयक के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।

विधायक और पूर्व विधायक भी हैं अध्यक्ष
उधर, सरकार ने राजनीतिक समीकरणों के हिसाब से अधिकारियों की जगह विधायक और पूर्व विधायकों को निगम का अध्यक्ष बनाया है। राज्य खनिज निगम के अध्यक्ष निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल और खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी हैं। वहीं, राज्य भंडार गृह निगम का अध्यक्ष पूर्व विधायक राहुल सिंह को बनाया गया है। सिंह ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर विधानसभा उपचुनाव के समय भाजपा की सदस्यता ली थी। सूत्रों का कहना है कि बाकी निगम, मंडल और प्राधिकरण में भी सरकार जल्द नियुक्ति करेगी। इसको लेकर संगठन के स्तर पर मंथन भी शुरू हो गया है।

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