MP Election 2023: नेताओं के लिए चुनाव से पहले प्राइवेट जेट्स पर खर्च होंगे 40 करोड़

भोपाल (Bhopal)। MP Election 2023: मध्‍य प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव (Assembly elections) होना है जिसकी उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। सितंबर में आदर्श चुनाव आचार संहिता (Model Code of Election Conduct) लग जाएगी। इससे पहले जनता के बीच पहुंचने के लिए जनता के पैसों से माननीय हवाई सफर का लुत्फ लेंगे।

मप्र सरकार के पास नहीं कोई बड़ा विमान
वर्तमान में सरकार के पास कोई बड़ा विमान नहीं है। ऐसे में राज्य सरकार ने अलग-अलग विमानन कंपनियों से अनुबंध किया हुआ है। समय-समय पर इन कंपनियों से निर्धारित किराया भुगतान पर विमान उपयोग में लिया जाता है।

मध्य प्रदेश सरकार ने 12 निजी विमानों के लिए अनुबंध किया है। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 30 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया था. अब इसे बढ़ाकर अब 40 करोड़ रुपए कर दिया गया है. हाल ही में जारी सप्लीमेंट्री बजट में इसकी अनुमति मिल गई है। इस बजट से एविएशन कंपनियों को हवाई यात्रा के लिए भुगतान किया जाएगा।


सरकार ने कंपनियों के साथ जो एग्रीमेंट किया है उसके हिसाब से किराए के विमानों का उपयोग न करने पर भी प्रतिदिन दो घंटे का किराया विमानन कंपनी को भुगतान किया जाएगा। राज्य सरकार एक माह का अनुबंध कर भोपाल एयरपोर्ट पर ही निजी विमान रखती है तथा ऐसे विमान का प्रतिदिन दो घंटे का किराया देना अनिवार्य होता है, भले ही उसका उपयोग न किया जाए. यह राशि 10 लाख रुपए तक होगी।

इस बार 4 कंपनियां और बढ़ाईं
पिछले वित्त वर्ष में आठ निजी कंपनियों से अनुबंध किया गया था. इस बार 12 कंपनियां हैं. ये निजी कंपनियां जेट एवं प्रापुलर विमानों के साथ-साथ हेलीकाप्टर भी उपलब्ध कराएंगी. मध्य प्रदेश सरकार ने विमानन कंपनी विलो सिटी चार्टर प्रालि मुंबई, एयरो क्राफ्ट सेल्स एंड चार्टर नई दिल्ली, सारथी एयरवेज नई दिल्ली, सांई एविएशन नासिक, सिंपसैंप एयरवेज मुंबई, ट्रियमफेंट एविएशन नासिक, रेड बर्ड नई दिल्ली, ओएसएच एयर मैनेजमेंट नई दिल्ली, सिद्धि विनायक एविएशन नई दिल्ली, जेट सर्व एविएशन गुरुग्राम, चिपसन एविएशन नई दिल्ली तथा यूनिवर्सल एविएशन नई दिल्ली से अनुबंध किया है।

वर्तमान में सरकार के पास कोई बड़ा विमान नहीं है. ऐसे में राज्य सरकार ने अलग-अलग विमानन कंपनियों से अनुबंध किया हुआ है. समय-समय पर इन कंपनियों से निर्धारित किराया भुगतान पर विमान उपयोग में लिया जाता है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 13 वर्ष में 113 करोड़ 45 लाख 70 हजार 537 रुपये विमानन कंपनियों को किराया भुगतान किया है और अब इस वर्ष भी हवाई यात्रा के लिए किराए का विमान उपयोग में लिया जाएगा।

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