MP: बुरहानपुर जिले में कितने बच्चे थे कुपोषण के शिकार, मानवाधिकार आयोग ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब

भोपाल। मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग (Madhya Pradesh Human Rights Commission) ने बुरहानपुर जिले (Burhanpur District) में 10 महीने की एक बच्ची के कुपोषण के मामले पर संज्ञान लिया है। इसके साथ ही गुरुवार को जिले के संबंधित अधिकारियों को नोटिस (notice) जारी कर तीन सप्ताह में जवाब तलब किया है। इसके अलावा आयोग ने इन अधिकारियों से पूछा है कि पूरे जिले में कितने बच्चे कुपोषण (How many children malnourished in the whole district) का शिकार थे और वर्तमान में ऐसे बच्चों की संख्या कितनी है?

बेहद कम था वजन
मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग के उपनिदेशक घनश्याम सिरसाम ने बताया कि बुरहानपुर जिले के धुलकोट के बसाली गांव की 10 महीने की इस बच्ची आसमा का वजन सिर्फ 4.06 किलोग्राम है। जबकि सामान्य तौर पर इस उम्र के बच्चों का वजन 9 किलोग्राम होता है। उन्होंने कहा कि गंभीर कुपोषण की शिकार आसमा की मां की बीमारी के कारण डेढ़ महीने पहले मौत हो चुकी है और आसमा का पिछले 10 दिनों से जिले के सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है। आसमा के पिता महेन्द्र मजदूरी करते हैं। सिरसाम ने बताया कि इस मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार जैन ने बुरहानपुर के जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा महिला व बाल विकास अधिकारी को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में प्रतिवेदन देने को कहा है।

क्या चल रहा है इलाज
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, आयोग अध्यक्ष ने इन अधिकारियों से पूछा है कि पूरे जिले में कितने बच्चे कुपोषण का शिकार हुए हैं एवं वर्तमान में ऐसे बच्चों की संख्या कितनी है? साथ ही यह भी पूछा है कि इस समय पूरे बुरहानपुर जिले में इलाज के लिये (कुपोषण वाले) कितने बच्चे भर्ती हैं? अधिकारी यह भी जानकारी दें कि उनका क्या इलाज चल रहा है? आयोग द्वारा जारी विज्ञप्ति में समाचार पत्र में प्रकाशित सरकारी आंकड़ों के हवाले से कहा गया है कि बुरहानपुर जिले में 4,000 बच्चों का वजन सामान्य से कम है, 1,947 बच्चे अति कम वजन के हैं। इनमें से 231 सिर्फ 15 दिन के भीतर मिले हैं। गौरतलब है कि पोषण पखवाड़े की रिपोर्ट में यह हकीकत सामने आई है।

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