MP: मोहन सरकार को लेना पड़ेगा 4200 करोड़ का कर्ज, लाडली बहना ने बिगाड़ा बजट

भोपाल (Bhopal)। शिवराज सरकार (Shivraj government) की सबसे पॉपुलर योजना लाडली बहना (Most Popular Scheme Ladli Brahmin) ने प्रदेश का बजट बिगाड़ दिया (spoiled the state budget) है। इस योजना को पूरा करने के लिए नवनियुक्त मोहन सरकार (Newly appointed Mohan government.) को 4200 करोड़ का कर्ज (Loan of Rs 4200 crore) लेना होगा। इसके साथ ही संविदा कर्मियों के बढ़ाए गए मानदेय को देने के लिए 1500 करोड़ और अन्य योजनाओं के लिए भी 2000 करोड़ का कर्ज लेना पड़ेगा।

इसके साथ ही लड़कों को स्कूटी दिए जाने, गैस सिलेंडर के दाम 450 रुपये करने, पंचायत कर्मियों की सैलरी बढ़ाए जाने जेसी कई तमाम घोषणाओ के कारण बजट गड़बड़ा गया है। दरअसल, चुनावी सीजन में हुई घोषणाओं को पूरा करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार को अगले तीन महीने करीब 25 हजार करोड़ का कर्ज लेना पड़ेगा तब जाके सरकार अपनी चुनावी घोषणाओं को कुछ हद तक पूरा कर पाएगी।

ये है कर्ज की स्थिति
इधर प्रदेश सरकार पहले से ही 3 लाख 31 हजार करोड़ के भारी कर्ज में डूबी हुई है। ऐसे 25000 करोड़ का यह नया कर्ज सरकार की सांसें फुला सकता है। क्योंकि वित्तीय स्थिति के अनुसार सरकार 15 हजार का करोड़ ले सकती है। जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार वर्ष 2023 में अब तक 40 हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी है। अभी हाल ही में 4 हजार करोड़ का कर्ज प्रदेश सरकार ने आरबीआई के ऑक्शन के जरिए उठाया लिया है।

कर्ज बढ़ने का अनुमान
प्रदेश सरकार पर चल रहे पुराने लोन का मूलधन भी नए कर्ज से चुकाया जाएगा। ऐसे में अनुमान है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के समाप्त होने से पहले ही सरकार पर कर्ज बढ़ कर 4.30 लाख करोड़ के आसपास पहुंच जाएगा।

सरकार का दावा
हालांकि इधर प्रदेश सरकार के दावा कर रही है कि प्रदेश में संचालित जनकल्याणकारी कार्यक्रम और विकास योजनाओं के लिए बजट की कोई कमी नहीं है। सभी जनकल्याणकारी कार्यक्रम और विकास योजनाएं विधिवत जारी रहेंगी। जनकल्याणकारी कार्यक्रमों एवं विकास योजनाओं के लिए शासन के पास पैसों की कोई कमी नहीं है। शासन के सभी जनकल्याणकारी कार्यक्रम सुचारू रूप से जारी रहेंगे। विकास योजनाएं भी निरंतर जारी रहेंगी। वित्त विभाग द्वारा वित्तीय अनुशासन के अंतर्गत बजट आवंटन एवं व्यय की कार्ययोजना दिशा निर्देश संबंधी आदेश सामान्य प्रक्रिया के अंतर्गत हर वित्तीय वर्ष में जारी होते हैं। विकास योजनाएं एवं जनकल्याणकारी कार्यक्रम जनहित में निरंतर जारी रहेंगी।

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