MP विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे सांसद विवेक तंखा, बताई ये वजह

भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Elections) में जीतने वाले उम्मीदवारों की पहचान करने में जुटी कांग्रेस के खेमे से एक बड़ी खबर आई है. कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तंखा (Vivek Tankha) ने साफ कहा है कि, वे विधानसभा का चुनाव (MP assembly elections) नहीं लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि ना तो उनसे किसी ने इस बारे में चर्चा की है और ना ही वे चुनाव लड़ने को तैयार हैं. विवेक तंखा ने इसी तरह कुछ दिन पहले अपने बेटे वरुण तंखा के भी चुनाव लड़ने की अटकलें पर विराम लगा दिया था. सुप्रीम कोर्ट के वकील और राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने जबलपुर संसदीय क्षेत्र से साल 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस पार्टी की टिकट पर लड़े थे, लेकिन वो हार गए थे.

वहीं कुछ दिनों से सोशल मीडिया और राजनीतिक चर्चा में विवेक तंखा के जबलपुर की उत्तर-मध्य अथवा कैंट विधानसभा सीट से उम्मीदवारी की बात की जा रही थी. जबलपुर में सोमवार 2 अक्टूबर को अपने जन्मदिन के अवसर पर समाज सेवा से जुड़े एक कार्यक्रम में सांसद विवेक तंखा का कहा कि, मैंने कभी भी राजनीति को इलेक्शन के नजर से नहीं देखा है. चुनाव तो एक प्रक्रिया थी. मैं समाज सेवा में आना चाहता था, इसलिए मुझे इलेक्शन लड़ना पड़ा. उन्होंने कहा कि, मैंने राजनीति को हमेशा से जन सेवा की नजरिया से देखा है. मैंने ऐसा कोई स्थाई विधानसभा क्षेत्र भी नहीं बनाया कि, मैं जहां से चुनाव लड़ूं. अगर मुझे चुनाव लड़ना होता तो मैं जबलपुर में ही कैंप करता ना कि झाबुआ, डिंडोरी, मंडला, शहडोल में करता.

अगर मैं सिर्फ जबलपुर में ही 5 लाख लोगों को मदद पहुंचा देता तो पूरे जिले में मेरी जय-जयकार होती पर मैं इसमें विश्वास नहीं करता हूं, क्योंकि मुझे पता है की जरूरत ट्राइबल एरिया में ज्यादा है. राज्यसभा सदस्य विवेक तंखा ने अपने भाषण में यह भी कह दिया कि, उनकी विधानसभा चुनाव लड़ने की कोई इच्छा नहीं है और ना ही किसी ने उनसे अभी तक इस विषय में चर्चा की है. तंखा ने कहा कि, अगर कोई मुझसे यह बोलने की कोशिश करेगा तो फिर उनको समझा भी दूंगा. सांसद विवेक तंखा ने कहा कि, 21 सितंबर को उनका जन्मदिन था, लेकिन उस दौरान राज्यसभा चल रही थी जिसके चलते जन्मदिन नहीं मना सके.

वहीं 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन उन महिलाओं के बीच अपना जन्मदिन मनाया है, जो कि जरूरतमंद हैं. साढ़े चार सौ महिलाओं को सिलाई मशीन देकर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ा है. बताते चले कि कुछ दिन विवेक तंखा ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में अपने बेटे वरूण तंखा के नरसिंहपुर से चुनाव लड़ने को लेकर लगाई जा रही अटकलों को भी खारिज कर दिया था. उनका कहना था कि बेटा वरुण तंखा चुनाव नहीं लड़ने वाले हैं. वह पहले से लॉ के काम में लगे हैं. उन्हें इसी में पहचान बनानी होगी. इसके बाद जो डिसाइड करना है करेंगे. मुझको जो काम मिला है उसे पूरी जिम्मेदारी से निभाऊंगा.

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