कमलनाथ के निशाने पर न सीएम शिवराज न सरकार सिर्फ सिंधिया

  • समर्थक मंत्री और पूर्व विधायकों पर लगाए बिकने के आरोप
  • सरकार गिराने के लिए राज्यसभा सांसद को ठहरा रहे जिम्मेदार

भोपाल। प्रदेश में 27 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर दोनों दलों के नेता ताबड़तोड़ सभाएं कर रहे हैं। साथ ही दोनों दलों के नेता एक-दूसरे पर तीखे राजनीतिक हमले भी कर रहे हैं। भाजपा नेता जहां कांग्रेस सरकार एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं दिग्विजय सिंह पर आरोप लगा रहे हैं। वहीं कांग्रेस के निशाने पर राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं दिग्विजय भी सभाएं कर रहे हैं। दोनों नेताओं के निशाने पर न सरकार है न शिवराज हैं, वे सिर्फ सिंधिया को निशाना बना रहे हैं। साथ ही कांग्रेस सरकार के सिंधिया समर्थक छह मंत्री भी निशाने पर हैं।
कमलनाथ ने सांवेर विधानसभा सीट से उपचुनाव के लिए प्रचार शुरू किया है। उन्होंने शिवराज सरकार के जल संसाधन विभाग के मंत्री तुलसी सिलावट एवं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर सौदेबाजी करके सरकार गिराने के आरोप लगाए। कमलनाथ ने मालवा की धरती से सिंधिया पर आरोप लगाए। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में सभाएं कर रहे हैं। वहां उन्होंने सिंधिया को निशाने पर लिया है। सिंधिया के गढ़ में दिग्विजय सभाओं में यह आरोप लगा रहे हैं कि पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया के बेटे एवं राजमाता सिंधिया के पोते से यह उम्मीद नहीं थी। खास बात यह है कि भाजपा के नेता कांग्रेस सरकार, कमलनाथ एवं दिग्विजय सिंह पर तीखे हमले बोल रहे हैं। खासकर सिंधिया के निशाने पर कमलनाथ हैं। सिंधिया ने हाल ही में चार दिन तक ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की करीब एक दर्जन विधानसभा सीटों पर सभाएं की। हर सभा में सिंधिया ने कमलनाथ पर आरोप लगाया कि उन्होंने मुख्यमंत्री रहते ग्वालियर-चंबल के साथ भेदभाव किया था। जब विकास कार्य के लिए विधायक मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने जाते थे, तब वे विधायकों से कहते चलो-चलो, चलो-चलो। अब जनता को उन्हें चलो-चलो कहना है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने व्यक्तिगत आरोपों की वजाए कांग्रेस की कमलनाथ सरकार की नाकामियों को गिनाया। शिवराज ने कहा कि कांग्रेस ने किसानों के साथ धोखा किया, मजदूरों के कल्याण की योजनाओं को बंद कर दिया था।

दोनों नेता बोल रहे हमले
सिंधिया के खिलाफ कांग्रेस ने हमले तेज कर दिए हैं। ग्वालियर-चंबल में दिग्विजय सिंह प्रचार की कमान संभाले हुए हैं। वहीं कमलनाथ मालवा एवं अन्य क्षेत्रों की सीटों पर सक्रिय हैं। दोनों नेता सिर्फ सिंधिया पर हमले कर रहे हैं। कांग्रेस की रणनीति है कि सिंधिया के खिलाफ सबसे ज्यादा हमले ग्वालियर-चंबल में ही किए जाएं। उपचुनाव की घोषणा होने के बाद कांग्रेस सिंधिया के खिलाफ गांव-गांव जाने की तैयारी में है।

इन मंत्रियों को हराने पर ज्यादा जोर
कांग्रेस ने उपचुनाव वाली 15 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। इनमें से कांग्रेस का सबसे ज्यादा फोकस कमलनाथ सरकार को गिराने में अहम भूमिका निभाने वाले छह मंत्री को हराने पर है। जबकि उपचुनाव वाली अन्य सीटों पर कांगे्रस का इतना जोर नहीं है। प्रदेश कांग्रेस की अनुशंसा पर कांग्रेस हाईकमान ने पांच मंत्रियों के खिलाफ प्रत्याशी भी उतार दिए हैं। साथ ही मंत्रियों के चुनाव क्षेत्र ग्वालियर, डबरा, बमौरी, सुरखी, सांची और सांवेर में नेताओं को उतार दिया है। मार्च में कमलनाथ सरकार को गिराने में प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, प्रभूराम चौधरी, तुलसी राम सिलावट,्र गोविंद सिंह राजपूत, महेन्द्र सिंह सिसौदिया समेत 16 अन्य विधायकों की अहम भूमिका रही है। उपचुनाव में प्रदेश कांग्रेस सभी 27 सीटों पर जीतने का दावा कर रही है, लेकिन पीसीसी सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस का फोकस छह मंत्रियों को हराने पर ज्यादा है।

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