जल्द आएगी वर्षा की नई फुहार… सावन की रिमझिम करेगी आनंदित

भोपाल। अपनी जोरदार आमद दर्ज कराने के बाद मानसून फिलहाल सुस्त पड़ गया है। मौसमी प्रणालियां कमजोर होने से पिछले दो दिनों शहर में लंबे ब्रेक के बाद सिर्फ हल्की बूंदाबांदी हो रही है। धूप निकलने और बादल छाने से उसम भरी गर्मी भी अब परेशान करने लगी है। रविवार को भी मौसम का मिजाज ऐसा ही रहा। सुबह से धूप,बादल की रस्साकशी जारी रही। दोपहर बाद हल्की बूंदाबांदी और फिर शाम को हल्की रिमझिम वर्षा से मौसम सुहाना हो गया। रात में हल्की उमस भरी गर्मी भी महसूस की गई। हालांकि मौसम विभाग के अनुसार दो दिनों तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा इसके बाद मानसून वर्षा की नई खेप लाएगा और कहीं-कहीं मध्यम वर्षा के बाद सावन की रिमझिम शुरू हो जाएगी।


प्रदेश में मानसून की एंट्री भले ही लेट हुई हो, लेकिन यह 13 प्रतिशत ज्यादा बरस चुका है। अब उम्मीद जुलाई से है। इस महीने पूरे मानसून की एक तिहाई बारिश का ट्रेंड है। जैसे- भोपाल में 39 इंच सामान्य बारिश है तो 14 इंच बारिश जुलाई में होती है। बड़े शहरों में जबलपुर ही ऐसा है, जहां सबसे ज्यादा 17 इंच से ज्यादा बारिश होती है। हालांकि, पिछले साल भोपाल में ज्यादा 34 इंच तक बारिश हो गई थी।

प्रदेश की सामान्य बारिश 37.3 इंच
प्रदेश की सामान्य बारिश 37.3 इंच है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर जिले की सामान्य बारिश 38 से 39 इंच तक है। पिछले साल प्रदेश में 46 इंच पानी गिरा था। बड़े शहरों में भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर की बात करें तो ग्वालियर ऐसा जिला है, जहां जुलाई में बारिश के दिन कम है। एवरेज 11 दिन पानी बरसता है। भोपाल में 15, इंदौर में 13 और जबलपुर में 16 दिन बारिश होती है। जुलाई के पहले सप्ताह में मानसून का सिस्टम एक्टिव नहीं होने से तेज बारिश का दौर नहीं है, लेकिन दूसरे सप्ताह में जमकर बारिश होने की संभावना है। ऐसा 4 जुलाई से एक्टिव होने वाले नए सिस्टम की वजह से होने का अनुमान है।

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