ठगी का नया तरीकाः फिल्मों के फर्जी ट्रेलर लॉन्च कर 47 लोगों से ठगे साढ़े 3 करोड़

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offenses Wing) की टीम ने एक जालसाज को गिरफ्तार किया है, जिसने 47 लोगों (47 people) से तकरीबन 3.5 करोड़ रुपये से ज्यादा ठग (More than Rs 3.5 crore cheated) लिए. आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर इन निवेशकों को अपनी फिल्म निर्माण कंपनी में निवेश (Investing in a film production company) करने के लिए आकर्षक रिटर्न का झांसा दिया था. इसने फिल्मों के फर्जी ट्रेलर लॉन्च (fake trailer launch of movies) करके और दूसरे कार्यक्रमों का आयोजन दिखाकर इन सभी लोगों से कुल मिलाकर साढ़े तीन करोड़ रुपये ठग लिए।

पुलिस के मुताबिक, आरोपी को लोगों को बताया था कि वो फिल्म निर्माण में काम कर रहा था. शुरुआत में इसने उन लोगों को उनका पैसा किश्तों में वापस दिया, लेकिन बाद में निवेशकों को भुगतान अचानक बंद हो गया. जब उन लोगों ने कंपनी के निदेशकों और प्रतिनिधियों से संपर्क किया तब जाकर सारा भेद खुला. शिकायतकर्ताओं के मुताबिक, उन्हें पता चला कि कंपनी ने सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम और जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम आदि में कार्यक्रम आयोजित करके और गायकों तथा डांसरों को बुलाकर फिल्मों और दूसरे प्रोजेक्ट के फर्जी ट्रेलर लॉन्च किए थे. इससे लोगों को झांसा देकर फाइनेंस के नाम पर उनसे पैसे ठग लिए।

47 लोगों से ठगे 3.5 करोड़ रुपये
पुलिस के मुताबिक, अभी तक कुल 47 लोगों से लगभग 3.5 करोड़ रुपये की ठगी का पता चला है. इन ठगों ने फिल्मों के लिए फर्जी ट्रेलर लॉन्च करके और दूसरे कार्यक्रमों का आयोजन करके अपनी कथित कंपनी में निवेश की आड़ में इन छोटे निवेशकों की गाढ़ी कमाई लूट ली. पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था. पुलिस के मुताबिक, आरोपी प्रमोद कुमार नागर पुत्र तेजवीर सिंह ने बीसीए की डिग्री हासिल की है. वह नोएडा में एक प्रोपर्टी सलाहकार के रूप में काम करता था और बाद में कथित कंपनी, मेसर्स स्वैग प्रोडक्शन प्राइवेट लिमिटेड में शामिल हो गया।

पुलिस के मुताबिक, जांच के दौरान पता चला कि उक्त कंपनी के निदेशकों ने फिल्म निर्माण कंपनी में निवेश और आकर्षक रिटर्न के नाम पर शुरू से ही लोगों को धोखा देने के एकमात्र मकसद से बनाया था. वे कंपनी के बैंक खाते में ऑनलाइन पैसा जमा करते थे. शुरुआत में शिकायतकर्ताओं को इन योजनाओं के अनुसार किश्तों में पैसे वापस मिलते थे, लेकिन बाद में भुगतान रोक दिया गया। जब शिकायतकर्ताओं ने कंपनी से संपर्क किया तो उन्होंने पाया कि कंपनी ने फर्जी कार्यक्रम आयोजित करके निवेशकों को धोखा देने और अपने निजी इस्तेमाल के लिए धन का दुरुपयोग करने के लिए फिल्मों और योजनाओं के लिए फर्जी ट्रेलर लॉन्च किए थे।

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