निर्मला सीतारमण ने सरकारी बैंकों के प्रमुख के साथ की बैठक, डिफॉल्ट से फ्रॉड तक पर किया मंथन

नई दिल्‍ली (New Delhi) । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रमुखों के साथ बैठक की और उनके वित्तीय प्रदर्शन (financial performance) की समीक्षा की। सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान साइबर सुरक्षा से संबंधित चिंताओं और वित्तीय क्षेत्र से जुड़े जोखिमों पर चर्चा हुई।

उन्होंने बताया कि इस दौरान धोखाधड़ी और जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों से जुड़े मुद्दे और राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) की प्रगति पर भी चर्चा हुई। अंतरिम बजट 2024-25 को पेश करने और अगले साल के अंत में होने वाले आम चुनाव से पहले यह संभवतः आखिरी पूर्ण समीक्षा बैठक है।

हुई थी समीक्षा बैठक
इस महीने की शुरुआत में वित्त मंत्रालय ने पीएसबी के प्रमुखों के साथ एक समीक्षा बैठक की थी और उन्हें अपनी खराब संपत्तियों के प्रबंधन के तहत सभी मामलों, विशेष रूप से शीर्ष 20 दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) मामलों की निगरानी करने के लिए कहा। पीएसबी के प्रबंध निदेशकों और सीईओ के साथ एक बैठक के दौरान वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने उनसे शीर्ष 20 आईबीसी मामलों की मासिक समीक्षा करने को कहा।

बैंकों की स्थिति
बता दें कि पीएसयू बैंकों ने चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान लगभग 68,500 करोड़ रुपये का प्रॉफिट कमाया है। इन बैंकों के नतीजों के मुताबिक 2022-23 के दौरान उनकी बैलेंस शीट मजबूत गति से बढ़ी और जमा, ऋण वृद्धि दोनों में तेजी आई।

उद्योग जगत को बैंक कर्ज की वृद्धि दर कम
इससे पहले रिजर्व बैंक ने बताया था कि उद्योग जगत को बैंकों से दिए जाने वाले कर्ज की वृद्धि दर नवंबर में घटकर 6.1 प्रतिशत रह गई। पिछले साल इसी महीने में बैंकों द्वारा उद्योगों को दिए गए कर्ज में 13 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी। नवंबर, 2023 में प्रमुख उद्योगों में, बुनियादी धातु और धातु उत्पादों, खाद्य प्रसंस्करण और वस्त्रों के लिए कर्ज में वृद्धि सालाना आधार पर तेज रही जबकि इंजीनियरिंग, रसायन एवं रासायनिक उत्पादों और बुनियादी ढांचे के लिए दर धीमी रही। दूसरी ओर, कृषि एवं संबंधित गतिविधियों के लिए कर्ज वृद्धि नवंबर में बढ़कर 18.2 प्रतिशत हो गई, जो एक साल पहले 14 प्रतिशत थी।

Leave a Comment