घटना के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं

  • कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन, परिवार सदमें में-एक करोड़ मुआवजे की मांग
  • कांग्रेस ने घेरा थाना, दोषियों पर कार्रवाई की मांग

नागदा। लापरवाही के स्वीमिंग पूल में नाबालिग शिवम आंजना निवासी लसुडिय़ा की मौत के बावजूद नगर पालिका के अधिकारी अपनी गलती छुपा रहे हैं। वे अब भी यही कह रहे हैं कि उनके पास जो कर्मचारी हैं वे प्रशिक्षित हैं। इधर बुधवार को मृतक शिवम के शव का पोस्टमार्टम किया गया। घटना के समय शिवम के सिर में चोट की आशंका जताई जा रही थी, मगर बीएमओ डॉ. कमल सोलंकी ने सिर में चोट लगने से इन्कार किया है, जिससे यह तय हो गया है कि उसकी मौत डूबने से हुई है। फिलहाल घटना के बाद से स्वीमिंग पूल बंद कर दिया गया। दोपहर 12 बजे शहर कांग्रेस कमेटी की अगुवाई में कांग्रेसियों ने मंडी थाने पहुंचकर थाना प्रभारी श्यामचंद्र शर्मा को ज्ञापन सौंपा व दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कर मामले की न्यायिक जांच की मांग की है। ज्ञापन में बताया कि नगर पालिका ने सलीम शाह नामक युवक को ट्रेनर की नियुक्ति दी थी। इसके पास तैराकी का प्रमाण पत्र व अनुभव भी था, लेकिन नगर पालिका ने इसे नौकरी से निकालते हुए अनुभवहीन कर्मचारियों को रख लिया, जिनके पास कोई प्रमाण पत्र तक नहीं है।

नतीजा आंजना परिवार का कुलदीपक बुझ गया। 29 जून 2011 को गजट नोटिफिकेशन में सीएमओ को लाइसेंसी ऑथोरिटी बनाते हुए नियमोंं का पालन करवाने के निर्देश दिए थे, लेकिन नगर पालिका ने नियम का पालन ही नहीं किया। साथ ही संसाधनों की कभी कमी है। विधायक दिलीपसिंह गुर्जर ने ट्रेनर व लाइफ गार्डन के पद योग्य व्यक्ति की नियुक्ति के लिए 27 मई को प्रशासक व एसडीएम को पत्र लिखकर हादसे की आशंका व्यक्त की थी। मगर अफसरों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए पुलिस स्वीमिंग पूल से जुड़े जरुरी दस्तावेज अपने कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू करें। नागरिक अधिकार मंच अध्यक्ष अभय चौपड़ा ने तरणताल हादसे की मजिस्ट्रेट जांच एवं परिवार को 1 करोड़ के मुआवजे हेतु एसडीएम एवं सीएसपी को दिया ज्ञापन मंच के अध्यक्ष अभय चौपड़ा एवं संयोजक शैलेन्द्रसिंह चौहान ने बताया कि नगर पालिका नागदा द्वारा तरणताल निर्माण के गजट नोटिफिकेशन का पालन नहीं करते हुए नपा इंजीनियर द्वारा डीपीआर बनाई गई जिसकी अवैध स्वीकृति नगरीय प्रशासन उप संचालक उज्जैन द्वारा दी गई। नपा द्वारा शासन के खाते से अवैध रूप से पैसा निकालकर तरणताल का निर्माण करवाया गया तथा क्षमता के विपरीत इसका संचालन किया गया। क्षमता के अनुरूप प्रशिक्षक नियुक्त नहीं किये गये जिससे उपरोक्त हादसा घटित हुआ जिसमें नगर पालिका के समस्त अधिकारी दोषी है। साथ ही नपा द्वारा तरणताल संचालन का लायसेंस नहीं लिया गया है एवं लायसेंस के अनुसार उचित मापदण्डों का पालन नहीं किया गया। नपा द्वारा जान-बूझकर की गई इस लापरवाही से गैर इरादतन हत्या का अपराध सिद्ध होता है।

दिखावे की कार्रवाई
घटना के बाद नगर पालिका ने स्वीमिंग पूल इंचार्ज शाहिद मिर्जा को नोटिस जारी किया है, जबकि बुधवार को इंजीनियर ने सीएमओ के साथ ही बयान दिया था। दूसरी तरफ प्रशासक व एसडीएम आशुतोष गोस्वामी यह कह रहे हंै कि मामले में पुलिस जांच के बाद उचित कार्रवाई करेंगे।

पुलिस ने नपा को नोटिस जारी कर मांगे दस्तावेज
पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। टीआई श्यामचंद्र शर्मा ने बताया नगर पालिका सीएमओ को नोटिस जारी कर स्वीमिंग पुल से जुड़े दस्तावेज तलब किए है। टीआई के अनुसार मामले में जो भी दोषी होगा उस पर ठोस कार्रवाई करेंगे।

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