तीन हजार एकड़ पर विकसित पीथमपुर के आटो टेस्टिंग ट्रैक पर अब इलेेक्ट्रिक वाहनों का भी होगा परीक्षण, अत्याधुनिक प्रयोगशाला भी बनेगी

  • कानपुर आईआईटी के साथ किया एमओयू साइन
  • एशिया का सबसे बड़ा ट्रैक है मौजूद
  • वाहनों के प्रदूषण को रोकने की तकनीक भी करेंगे विकसित

इन्दौर। जब कोई वाहन (vehicle) कंपनी बाजार में अपने नए वाहन को लांच करती है, उसके पहले आटो टेस्टिंग (auto testing) ट्रैक पर उसकी सफल टेस्टिंग (testing) करवाना अनिवार्य रहता है। इन्दौर से 50 किलोमीटर दूर पीथमपुर (Pithampur) में तीन हजार एकड़ पर नेशनल आटोमैटिव टेस्ट ट्रैक यानी नेट्रेक्स का निर्माण कुछ वर्ष पूर्व हुआ, जो एशिया का सबसे बड़ा टेस्टिंग ट्रैक है, जहां पर दोपहिया, चार पहिया, तीन पहिया से लेकर अन्य सभी वाहनों की टेस्टिंग 14 ट्रैक्स पर होती है, जिसमें 11.3 किलोमीटर के लंबे हाईस्पीड टेस्टिंग ट्रैक पर 375 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से वाहन का टेस्ट किया जा सकता है। कानपुर आईआईटी के साथ कल एक एमओयू नेट्रेक्स ने साइन किया है। इसके चलते वाहनों के प्रदूषण को रोकने की तकनीक के साथ इलेक्ट्रानिक वाहनों के परीक्षण से लेकर एक अत्याधुकि प्रयोगशाला भी निर्मित की जाएगी।

इस आटो टेस्टिंग ट्रैक पर अभी कंपनियों द्वारा अपने-अपने अलग वाहनों की टेस्टिंग की जाती रही है। केंद्र सकार की मदद से यह टेस्टिंग ट्रैक निर्मित किया गया और अभी आईआईटी कानपुर के साथ जो एमओयू साइन हुआ, उसके तहत भविष्य में वाहनों से जो प्रदूषणफैलता है, उसकी रोकथाम किस तरह की जा सकती है और प्रदूषणरहित वाहनों के निर्माण की तकनीक पर यह दोनों प्रमुख संस्थान काम करेंगे। इस एमओयू पर नेट्रेक्स के निदेशक डॉ. मनीष जायसवाल और आईआईटी कानपुर के अनुसंधान तथा विकास विभाग के डीन प्रो. तरुण गुप्ता ने हस्ताक्षर किए हैं। उनका कहना है कि स्वच्छ और अधिक टिकाऊ परिवहन समाधानों के लिए वाहन उत्सर्जन का क्षेत्र बड़ा ही महत्वपूर्ण है, जिस पर अब ध्यान दिए जाने की जरूरत है और इस अनुसंधान में आईआईटी कानपुर की विशेषज्ञता को टेस्टिंग ट्रैक की परीक्षण सुविधाओं का लाभ मिलेगा, जिससे आटोमैटिव इंजीनियरों और शोधकर्ताओं को भी अगली पीढ़ी के वाहनों को बनाने मे मदद मिलेगी। यह भी उल्लेखनीय है कि नेट्रेक्स में अब हाईस्पीड इलेक्ट्रिक यानी ईवी वाहनों की टेस्टिंग भी शुरू हो गई है, जिसमें दोपहिया, तीन पहिया और चार पहिया वाहन शामिल रहेंगे, वहीं इसके लिए एक अत्याधुनिक प्रयोगशाला भी निर्मित की जाएगी। उल्लेखनीय है कि पीथमपुर के इस आटो टेस्टिंग ट्रैक पर अलग-अलग श्रेणी के ट्रैक बने हैं, जहां पर हर परिस्थिति के मुताबिक वाहनों की टेस्ट ड्राइविंग की जाती है। यहां तक कि हाईस्पीड टेस्टिंग ट्रैक पर तो 375 किलोमीटर की रफ्तार से वाहनों को दौड़ाकर ड्राइविंग स्कील का परीक्षण किया जा सकता है, जो कि चार फ्री लेन के साथ 16 मीटर चौड़ा है और एशिया का सबसे लंबा तथा दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा हाईस्पीड व्हीकल टेस्टिंग ट्रैक है।

इस तरह के अलग-अलग टै्रक निर्मित किए गए हैं नेट्रेक्स ने
नेशनल आटोमोटिव टेस्ट ट्रेक्स यानी नेट्रेक्स में अलग-अलग कैटेगरी के लगभग एक दर्झन ट्रेक निर्मित किए हैं। जैसे उदाहरण के लिए थर्टीज ट्रेक पर यह पता लगता है कि वाहन कितना टिकाऊ है यानी उसकी क्षमता का परीक्षण किया जाता है। इसी तरह ग्रेडियंट ट्रेक पर वाहन की पार्क कैपेसिटी स्लोब पर पार्किंग ट्रेक की क्षमता को जांचा परखा जाता है। सस्टेनबिलिटी का इस्तेमाल पहाड़ी रास्तों पर ड्राइव के लिए वाहन कितना उपयुक्त है, उसके साथ ही वाहन की कूलिंग परफार्मेन्स की भी जांच इस ट्रेक पर की जाती है। इसी तरह डायनेमिक ट्रैक प्लेटफार्म पर वाहन की हैंडंिलग और स्टेबिलिटी को परखा जाता है।

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