अब कोयला-पानी नहीं, बैल बनाएंगे बिजली; इस शहर में लगने वाला है प्रोजेक्ट

मेरठ: भले ही आधुनिक दौर में अब टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में बैल के बल के माध्यम से काम नहीं हो रहा हो. लेकिन अब फिर से वहीं बैल आपको कार्य करते हुए भी दिखाई देंगे और ऊर्जा बनाने में भी अहम योगदान निभाएंगे. दरअसल, मेरठ रोहटा ब्लॉक क्षेत्र में पहला पायलट प्रोजेक्ट लगाया जा रहा है जिसमें बैल के बल के माध्यम से बिजली बनाई जाएगी.

इस प्रोजेक्ट के माध्यम से सर्वप्रथम गौशाला में संचालित होने वाली बिजली को बैल के बल से उत्पन्न होने वाली बिजली के माध्यम से संचालित किया जाएगा. धीरे-धीरे इस प्रोजेक्ट को आगे भी बढ़ाया जाएगा. क्योंकि बागपत में लगाए गए पहले प्रोजेक्ट का अच्छा परिणाम देखने को मिला है. इसी कड़ी में अटल इन्नोवेशन सेंटर एमआईटी कॉलेज द्वारा इस प्रोजेक्ट को अब शाश्वत पाठक के नेतृत्व में मेरठ के रोहटा ब्लॉक में भी लगाया जा रहा है.

गौशाला की तरफ से मिलेगा हर तरह का समर्थन
मुख्य पशु मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए उनके पास आवेदन आया था. बागपत के प्रोजेक्ट की सफलता को देखते हुए इसमें अनुमति प्रदान की गई है. उन्होंने कहा कि मेरठ की अगर बात की जाए तो 26 गौशालाएं यहां पर संचालित है. सभी गौशालामें 4862 गोवंश है. ऐसे में अगर यह प्रोजेक्ट सफल होता है.

बैल की अहमियत फिर समझेंगे लोग
अभी तक देखा जाता है गोवंश छोड़ दिया जाता है. जिससे ग्रामीणोंक्षेत्रों में फसल का भी नुकसान होता है. ऐसे में जिस तरीके से यह पायलट प्रोजेक्ट उपयोग किया जा रहा है. उससे आने वाले समय में फिर से बैल की वैल्यू देखने को मिलेगी.

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