वन नेशन-वन इलेक्शन पर वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा अभी बहुत सोच-विचार की जरूरत है

नई दिल्ली (New Delhi)। भारत में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ (One Nation One Election) पर जरूरी सुझाव देने के लिए केंद्र की मोदी सरकार (Modi government at the center) ने आठ सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी बनाई है। इस कमेटी के अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बनाया गया है.! कोविंद के अलावा इसमें गृहमंत्री अमित शाह, गुलाम नबी आजाद, लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ सुभाष कश्यप, वरिष्ट वकील हरीश साल्वे, पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी, 15वें वित्त आयोग के पूर्व चेयरमैन एन के सिंह और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को शामिल किया गया था, हालांकि राजनीतिक पार्टियों ने अभी से इसका विरोध शुरू कर दिया है, हालांकि, लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कमेटी का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है। इस मु्द्दे पर रविवार को वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे का कहना है कि आखिर वन नेशन, वन इलेक्शन पर कमेटी किस तरह काम करेगी।


हरीश साल्वे ने कहा,’काम अभी शुरुआती स्तर पर है। इस बारे में बहुत सोच-विचार की जरूरत है। वही किया जाएगा, जो राष्ट्र के लिए सर्वोत्तम होगा। समिति अध्यक्ष से अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है। यकीन है कि समिति के लिए रोडमैप बनाने का काम चल रहा है. व्यक्तिगत तौर पर मैं हमेशा एक चुनाव के पक्ष में रहा हूं, हालांकि, समिति दोनों पक्षों को लेकर चलेगी, सभी की बातें सुनी जाएंगी।

बता दें कि सितंबर में बुलाए गए संसद के विशेष सत्र में इस एजेंडे के शामिल होने की संभावना को लेकर उन्होंने कहा,’इसकी कोई संभावना नहीं है कि यह मुद्दा सितंबर के एजेंडे में होगा. हालांकि, यह एक राजनीतिक मुद्दा है, इसलिए संसद में इस पर चर्चा जरूर हो सकती है।’ वरिष्ठ वकील साल्वे ने आगे कहा कि जो लोग राजनीति में हैं। वे सियासत के बारे में बोल सकते हैं, लेकिन मुझे नहीं पता कि बीजेपी क्या करना चाहती है।

उन्होंने कहा कि अलग-अलग रिपोर्ट्स के माध्यम से हमें ग्राउंड वर्क के बारे में पता चलता रहता है। हरीश साल्वे ने कहा कि सियासत में सरकार के बदलाव का विधानसभा पर कोई असर नहीं पड़ता है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में विधानसभा भंग किए बिना ही सरकार बदल गई थी।

कई दल विरोध में
‘वन नेशन वन इलेक्शन’ का विरोध देश की अधिकतर विपक्षी पार्टियों ने किया है. अधिकतर विपक्षी पार्टियों ने इसे संघीय ढांचे पर हमला बताया. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत, राज्यों का संघ है और केंद्र सरकार का ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ संघवाद पर हमला है।

वहीं कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि “हमारा मानना है कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर उच्च स्तरीय समिति संसदीय लोकतंत्र को नष्ट करने के एक प्रयास के अलावा और कुछ नहीं है।

इसके अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, सपा प्रमुख अखिलेश यादव आदि जैसे विपक्षी नेताओं ने केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं।

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