एक तरफ कुरान की आयत, दूसरी तरफ नेता की तस्वीर; उज्जैन में मचा बवाल

उज्जैन: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन (Ujjain) में कुरान (Quran) की सूरह यासीन आयत के साथ एक कवर पर कांग्रेसी नेता (congress leader) की तस्वीर छापने पर बवाल मच गया. मुस्लिम समाज (Muslim Brotherhood) ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है और कांग्रेस नेता विवेक यादव विक्की (Vivek Yadav Vicky) के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. पूरे मामले में जामा मस्जिद के इमाम मौलाना नजीर (Maulana Nazir, Imam of Jama Masjid) का एक ऑडियो भी वायरल (audio viral) हो रहा है. इसमें उन्होंने कहा है कि हमारे मजहब में इसे माना जाता है.

क्या है पूरा मामला?
कांग्रेस पार्टी के नेता और समाज सेवी विवेक यादव विधानसभा चुनाव (assembly elections)को देखते हुए इन दिनों उज्जैन उत्तर में सक्रिय हैं. वोटरों (Votro) को लुभाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. हिंदू धर्म (Hindu Religion) के लोगों के लिए धार्मिक आयोजन करवा रहे हैं तो मुस्लिम वोटरों को लुभाने के लिए रक्षा बंधन पर मुस्लिम महिलाओं से राखी बंधवाई और उन्हें उपहार दिये. इन्हीं उपहारों में कुरान की सुरह यासीन की आयतों की किताब भी दी, जिसके कवर को लेकर अब विवाद हो गया है.

केस दर्ज करने की मांग
इस किताब के कवर पर एक तरफ कांग्रेस नेता विवेक यादव का नाम और उनकी तस्वीर प्रकाशित है, वहीं दूसरी तरफ सूरह यासीन नाम की आयत. पूरे मामले पर तोपखाना व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष सैयद फारूक ने महाकाल थाने पहुंचकर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि मुस्लिम वोटरों को साधने के लिए इस तरह की किताबें बांटना गलत है. उन्होंने कहा कि इस तरह का काम करने वाले के खिलाफ केस दर्ज किया जाना चाहिए.

कांग्रेस नेता ने मांगी माफी
हालांकि एएसपी जयंत सिंह राठौड़ का कहना है कि पूरे मामले में मुस्लिम समाज की तरफ से ज्ञापन देने के बाद विवेक यादव विक्की ने माफीनामा लिखकर दे दिया है. साथ ही विवेक यादव ने कहा है कि उनसे अनजाने में यह गलती हो गई है. विवेक यादव ने पोस्ट को भी हटा लिया है. हालांकि मामले की जांच की जा रही है. माहौल को लेकर पुलिस अलर्ट है.

वहीं मुस्लिम समाज की तरफ से यह कहा गया है कि पूरा मामला हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला था, लेकिन विक्की यादव के माफी मांग लेने पर फिलहाल हम उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं चाहते. हालांकि आगे ऐसा न हो-इसके लिए सावधानी रखने की जरूरत है. किसी भी चुनाव प्रचार में धार्मिक पुस्तक की इजाजत नहीं दी जा सकती.

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