Online fraud: सब्जीवाला 6 महीने में बना करोड़पति, 10 राज्यों में 892 केस, 21 करोड़ कमाई

नई दिल्ली (New Delhi)। कहते हैं कि आपदा (Disaster) हमेशा अवसर लेकर आती है. अवसर को सकारात्मक और नकारात्मक (positive and negative) दोनों नजरिए से देखा जा सकता है. कोरोना महामारी के दौरान जब लॉकडाउन ( lockdown during Corona epidemic) लगा तो बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार (People became unemployed) हो गए. रेहड़ी-पटरी पर लगी दुकानों से लेकर शोरूम तक बंद हो गए. जिन लोगों के कारोबार बर्बाद हुए, उनमें से कई ने नए काम शुरू कर दिए. कुछ अच्छे, तो कुछ बुरे. इन्हीं लोगों में से एक ऋषभ शर्मा भी था. वो फरीदाबाद में फल और सब्जी बेंचने (Selling fruits and vegetables) का काम किया करता था. लेकिन लॉकडाउन लगने के बाद उसे भी अपनी दुकान बंद करनी पड़ी. ऐसे में परिवार पालने के लिए उसने नए काम की तलाश शुरू कर दी।

इसी दौरान उसकी मुलाकात एक पुराने दोस्त से हुई. उसका दोस्त एक साइबर ठग था. लंबे समय से लोगों के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी (Online fraud) करके पैसे बना रहा था. अपने दोस्त की ठाठ देखकर ऋषभ लालच में पड़ गया. उसने दोस्त से साइबर ठगी के गुर सीख लिए. विदित है कि कोरोना काल में सबसे ज्यादा नौकरियों का संकट था. इसलिए लोग वर्क फ्रॉम होम जॉब की तलाश कर रहे थे. सब्जीवाले और उसके दोस्त ने लोगों की इस मजबूरी का फायदा उठाने का प्लान बनाया. इसके लिए योजनाबद्ध तरीके से लोगों के मोबाइल नंबरों का डेटा इकट्ठा किया गया. एक इंटरनेशनल होटल के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाई गई।

इसके बाद ऋषभ शर्मा मैरियट बॉनवॉय इंटरनेशनल होटल का प्रतिनिधि बनकर लोगों को कॉल करने लगा. वो लोगों को पार्ट टाइम जॉब के साथ ही होटल के लिए पेड रिव्यू लिखने का अनुरोध करता था. लालच में आकर लोग पेड रिव्यू लिख देते थे, तो उसके एवज में उनके पैसे भी देता. इस तरह जब लोग उसकी जाल में फंस जाते, तो उनको होटल में निवेश के लिए कहता था. इस तरह उनसे मोटे पैसे लेकर निकल लेता. कुछ महीने पहले ही उसने देहरादून के एक कारोबारी को अपने जाल में फंसाया था, जिसकी शिकायत पर उसकी गिरफ्तारी हुई है. उसने कारोबारी को कॉल करके पेड रिव्यू लिखने के लिए कहा था।

देहरादून के कारोबारी से ठगे 20 लाख
इस काम के लिए उसने कारोबारी को 10 हजार रुपए दिए थे. इस तरह कुछ और पैसे देकर उसने उस कारोबारी को अपने जाल में फंसा लिया. उसके बाद कम समय में डबल मुनाफे का लालच देकर कारोबारी से होटल में निवेश के लिए कहा और उसे एक लड़की से मिलवाया. होटल में उनकी मुलाकात कराई. इस दौरान फर्जी वेबसाइट दिखाकर उसका भरोसा जीत लिया. कारोबारी ने धीरे-धीरे करके 20 लाख रुपए से अधिक की रकम उसे दे दी. इसके बाद आरोपी ने उसकी कॉल उठानी बंद कर दी. इसके बाद उस कारोबारी ने देहरादून के साइबर थाने में उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. अपने पास उपलब्ध सभी डिटेल पुलिस को दिए।

10 राज्यों में दर्ज हैं करीब 892 केस
देहरादून के डीसीपी (साइबर पुलिस) अंकुश मिश्रा के मुताबिक, 4 अक्टूबर को आरोपी ऋषभ शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और आईटी अधिनियम के प्रावधानों के तहत केस दर्ज किया गया था. पुलिस ने जब आरोपी के बैंक खाते के विवरण का पता लगाया तो पाया कि वह गुरुग्राम में है. इसके बाद साइबर पुलिस की एक टीम जांच के लिए वहां गई. 28 अक्टूबर को पुलिस ने आरोपी को गुरुग्राम के सेक्टर 9 से धर दबोचा. उससे पूछताछ में जो खुलासा हुआ उसे सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई. आरोपी के खिलाफ 10 राज्यों में 37 केस दर्ज हैं. वहीं 855 केस में वो सह अभियुक्त है. इस तरह उसके खिलाफ 892 मामलों में जांच चल रही है।

साइबर ठगी का इंटरनेशनल रैकेट
साइबर ठगी के आरोपी ऋषभ शर्मा से पूछताछ का दौरान पता चला है कि इसके लिए कई इंटरनेशनल रैकेट काम कर रहे हैं. ये चीन, सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों में स्थित है. इन रैकेट के सरगना भारत जैसे देशों में अपने एजेंट रखते हैं. उनके जरिए लोगों से ठगी करते हैं. इसके बदले उनको मोटा कमीशन दिया जाता है. ठगी गई रकम हवाला और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए इन देशों में भेज दी जाती है. ठगी के लिए ये रैकेट वर्क फ्रॉम होम, यूट्यूब लाइक और पेड रिव्यू जैसे ऑफर देता है. पुलिस को शक है कि ऋषभ भी इसी तरह के एक रैकेट का हिस्सा है. उसने महज छह महीने में धोखाधड़ी करके 21 करोड़ रुपए से अधिक जमा कर लिए हैं।

कैसे की जाती है इस तरह की ठगी?
इस तरह की साइबर ठगी के लिए ठग सबसे पहले अपना टार्गेट खोजते हैं. उसे कॉल या व्हाट्सऐप करके यूट्यूब लाइक या पेड रिव्यू लिखने के बदले पैसों का लालच देते हैं. शुरुआत में भरोसा जीतने के लिए छोटी पेमेंट पर हाई रिटर्न देते हैं. इसके बाद वे बड़ी पेमेंट के लिए कोई समस्या बताते हैं. इसके बाद अलग-अलग मौकों पर शिकार से पैसे ट्रांसफर कराए जाते हैं. उन्हें बार-बार विश्वास दिलाया जाता है कि पूरे पैसे एक साथ मिल जाएंगे, लेकिन ऐसा कभी नहीं होता है. उनकी जाल में फंसकर लोग अपने गाढ़ी कमाई लुटा देते हैं. किसी भी तरह की ठगी एक मात्र तरीका यही है कि लालच में आकर कुछ नहीं करना है. सावधानी से इंटरनेट और सोशल मीडिया का इस्तेमाल जरूरी है।

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