स्क्रैप सेंटर खोलने आए सिर्फ दो आवेदन, इसलिए कबाड़ वाहन खरीदने वाली कंपनी तय नहीं

  • भोपाल व इंदौर के लिए विभाग के पास आए आवेदन, टेस्टिंग सेंटर के लिए भी दिलचस्पी नहीं

भोपाल। परिवहन विभाग ने प्रदेश में कबाड़ हो चुके छह लाख आठ हजार 825 वाहनों को नष्ट करने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले बजट में स्क्रैप पालिसी लागू की है। इसे सितंबर 2022 में एक साल पूरा हो जाएगा, लेकिन कबाड़ वाहनों को खरीदने के लिए प्रदेश में दो ही कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है। यह आवेदन इंदौर व भोपाल के लिए आए हैं। ज्यादा आवेदन नहीं आने की वजह से स्क्रैप कंपनी तय नहीं हो पा रही है। ऐसे में लोगों को कबाड़ वाहन बेचने और इंतजार करना होगा। वहीं 40 टेस्टिंग सेंटर खोलने के लिए भी कोई आवेदन नहीं आया है। इन सेंटरों में वाहन को नष्ट करने के पहले परीक्षण जरूरी होता है।
प्रदेश में एक भी अधिकृत स्क्रैप सेंटर नहीं है। इसके चलते स्क्रैप पालिसी के जो नियम है, उनका फायदा लोगों को नहीं मिल पा रहा है। साथ ही लोग हर किसी को वाहन भी नहीं बेचना चाहते हैं, जिसकी वजह से वाहन घर या सड़क पर रखे-रखे खराब हो रहे हैं। विभाग ने फरवरी 2022 में अधिकृत सेंटर खोलने के लिए आवेदन मांगे थे, लेकिन सिर्फ दो ही आवेदन आए हैं। प्रदेश में आठ स्क्रैप सेंटर खोलने की योजना थी, संभाग स्तर पर इन्हें खोला जाना है। वहीं दूसरी ओर एक अक्टूबर 2022 से 15 साल से अधिक पुराने सरकारी वाहनों को अनिवार्य रूप से स्क्रैप कराना होगा। इन वाहनों को सड़क पर नहीं चलाया जा सकता है।


डेढ़ करोड़ वाहन 15 साल पुराने
वर्ष 2007 व 2021 के बीच प्रदेश में डेढ़ करोड़ वाहन खरीदे गए हैं। इनमें 2007 व 2008 के वाहन को 15 साल का समय पूरा हो चुका है। इनमें बड़ी संख्या में वाहन खराब हो चुके हैं। 15 साल से अधिक पुराने वाहन फिटनेस में पास नहीं हो रहे हैं। यह अधिक धुआं छोड़ते हैं, जिससे वायु प्रदूषण अधिक होता है। इस कारण पुराने वाहनों को स्क्रैप कराना होगा।

इनका कहना है
स्क्रैप सेंटर खोलने सिर्फ भोपाल व इंदौर के लिए ही एक-एक आवेदन आए हैं, इस कारण कंपनी तय करने में देरी हो रही है। प्रदेशभर में जल्द अधिकृत सेंटर खुल सकें, इसके प्रयास जारी हैं। इस महीने इन पर अंतिम फैसला हो सकता है।
संजय कुमार झा, आयुक्त परिवहन विभाग

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