Pakistan Elections: मतदान 8 फरवरी को, इन 8 सीटों पर रहेगी दिलचस्प टक्कर

इस्लामाबाद (Islamabad)। पाकिस्तान (Pakistan) में आम चुनाव 2024 (General elections 2024.) के मतदान आठ फरवरी (Voting on February 8) को होने हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Former Prime Minister Imran Khan) जेल में बंद हैं। उनसे पहले पाकिस्तान के पीएम रह चुके नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) चार साल बाद स्वदेश लौटे हैं। बिलावल भुट्टो की पार्टी भी पूरी ताकत से चुनाव लड़ने के दावे कर रही है। ऐसे में यह राजनीतिक लड़ाई बेहद दिलचस्प होने के आसार हैं। 272 सीटों वाली पाकिस्तान की संसद में आठ सीटें ऐसी हैं, जिन पर लड़ाई बेहद दिलचस्प होने के आसार हैं। इन सीटों पर जिन कद्दावर नेताओं के बीच मुकाबला होना है, इसमें पूर्व मंत्रियों के साथ-साथ मरियम नवाज जैसी हाईप्रोफाइल लीडर के नाम भी शामिल हैं।

इमरान समेत कई नेताओं को अयोग्य ठहराने के बाद भी चुनाव में उत्साह कम नहीं
दरअसल, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी के कई नेताओं को चुनाव के अयोग्य करार देने के बावजूद पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के लिए 8 फरवरी को होने वाले चुनाव को लेकर उत्साह बरकरार है। 272 सदस्यीय संसद की आठ सीटों पर दिलचस्प लड़ाई है। महामुकाबले में बिलावल भुट्टो के पंजाब में चुनावी पदार्पण से लेकर मुल्तान के प्रभावशाली परिवारों के बीच लड़ाई पर सबकी नजर है।

मौलाना फजलुर रहमान बनाम अली अमीन बनाम फैसल करीम
डेरा इस्माइल खान में सीट नंबर 44 पर त्रिकोणीय मुकाबला है। यहां से तीन क्षेत्रीय दमदार नेता मैदान में हैं। जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल के मुखिया मौलाना फजलुर रहमान के सामने पीटीआई के नेता और पूर्व मंत्री अली अमीन गंडापुर और पीपीपी के फैजल करीम कुंडी मैदान में हैं। 2018 में गंडापुर ने फजलुर रहमान को बड़े अंतर से हराया था। इस बार कुंडी ने गंडापुर को पीपीपी में आने का न्योता दिया था और साथ मिलकर क्षेत्र के विकास की बात कही थी।

अली मूसा गिलानी बनाम मैहर बानो
मुल्तान सीट नंबर 151 से पीटीआई से मैहर बानो कुरैशी मैदान में हैं, जो पूर्व मंत्री शाह महमूद कुरैशी की बेटी हैं। उनके सामने पीपीपी के अली मूसा गिलानी हैं, जो पूर्व पीएम यूसुफ रजा गिलानी के बेटे हैं। दोनों ही परिवार अपना-अपना प्रभाव है। गिलानी पीएमएल-एन से 1993 में पीपीपी में आए थे और 2011 में पीटीआई में शामिल हुए।

साद रफीक बनाम सरदार लतीफ
लाहौर की 122 नंबर सीट पीएमएल-एन का गढ़ मानी जाती है और यहां से ख्वाजा साद रफीक मैदान में है। उनका मुकाबला पीटीआई के सरदार लतीफ खोसा है। वह पूर्व पीएम इमरान की तरफ से कई बड़े मामले लड़ चुके हैं। प्रचार के दौरान रफीक ने पीटीआई के खिलाफ जोरदार हमला बोला। लतीफ बेनजीर के भी खास थे।

फारूक सत्तार बनाम खुर्रम शेर जमां
कराची में एमक्यूएम-पी के डॉ. फारूक सत्तार और पीटीआई के खुर्रम शेर जमां के बीच कड़ा मुकाबला है। खुर्रम पीटीआई के कराची अध्यक्ष हैं। वहीं, सत्तार एमक्यूएम-एन के साथ जुड़े हैं। वह आल पाकिस्तान मुहाजीर स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन के सदस्य भी हैं।

शेख रशीद बनाम हनीफ अब्बासी
रावलपिंडी में सीट नंबर 56 पर अवामी मुस्लिम लीग (एएमएल) प्रमुख शेख रशीद मैदान में हैं। उनका मुकाबला पीएमएल-एन के हनीफ अब्बासी से है। दोनों में राजनीतिक लड़ाई बहुत पुरानी है। 2018 में रशीद रावलपिंडी में ही सीट नंबर 62 से जीते थे

यास्मीन रशीद बनाम नवाज शरीफ
लाहौर सीट नंबर 130 पर सबसे तीखी लड़ाई है। यहां से पूर्व पीएम और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन के प्रमुख नवाज शरीफ और इमरान की पार्टी पीटीआई की डॉ. यास्मीन रशीद के बीच टक्कर है। रशीद पूर्व प्रांतीय स्वास्थ्य मंत्री हैं। शरीफ सजा के चलते 2018 के चुनाव में शामिल नहीं हो सके थे। वह मानशेरा सीट से भी मैदान में हैं।

बिलावल बनाम अताउल्ला तरार
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी तीन सीटों पर लड़ रहे हैं। दो सीटें गृह प्रांत सिंध में हैं और एक लाहौर की सीट नंबर 127, जहां एक तरह से पंजाब में उनका चुनावी पदार्पण होगा। यहां उनका मुकाबला पीएमएल-एन के तेजतर्रार नेता अताउल्ला तरार के साथ ही निर्दलीय चौधरी शब्बीर गुज्जर से है।

मरियम नवाज बनाम मिआं अबाद फारूके बनाम इफ्तिखार शहीद
लाहौर में नेशनल असेंबली की सीट संख्या 119 पर भी लड़ाई दिलचस्प होने वाली है। यहां से नवाज शरीफ की बेटी और उनकी राजनीतिक उत्तराधिकारी मानी जा रही मरियम नवाज मैदान में हैं। वह पहली बार आम चुनाव लड़ रही हैं। उनके सामने पीटीआई के मियां अबाद फारूके और पीपीपी के इफ्तिखार शहीद हैं। 2018 के चुनाव में मरयम नवाज संसद के साथ ही विधानसभा की एक सीट से भी लड़ने वाली थीं। लेकिन चुनाव से ठीक पहले उन्हें एक मामले में सात साल कैद की सजा हुई थी।

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