Pakistan: सरकार गठन की कवायद हुई तेज, कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं 25 मंत्री

इस्लामाबाद (Islamabad)। पाकिस्तान (Pakistan) में सरकार गठन (Government formation) के लिए काफी खींचतान जारी है। प्रधानमंत्री पद (Prime Minister’s post.) के अलावा, पाकिस्तान (Pakistan) में अब संघीय मंत्रिमंडल (Federal Cabinet.) के लिए नामों की चर्चा शुरू हो गई है। उम्मीद है कि शुरुआती चरण में कैबिनेट में 25 मंत्री बनाए जा सकते हैं। पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (Pakistan Muslim League- Nawaz.) के सूत्रों की मानें तो बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ) और शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) ने बैठक की। इस दौरान कई नामों पर चर्चा हुई। उम्मीद है कि मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) को तीन से पांच मंत्रालय मिल सकते हैं, जिसमें खालिद मकबूल सिद्दीकी, फारूक सत्तार, मुस्तफा कमाल, अमीनुल हक, ख्वाजा इजहारुल हसन सहित अन्य नेताओं के बारे में विचार किया जा रहा है।

शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार
इसके अलावा, पीएमएल-एन अपने कोटे के 15 नेताओं के नामों पर चर्चा की। इनमें इशाक डार, अयाज सादिक, ख्वाजा आसिफ, अहसान इकबाल, मरियम औरंगजेब, अताउल्लाह तरार, शाजा फातिमा ख्वाजा, रियाजुल हक जुज, बिलाल अजहर कयानी, डॉ तारिक फज़ल चौधरी, कमरुल इस्लाम और राणा तनवीर हुसैन शामिल हैं। इस्तेहकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी (आईपीपी) के अवन चौधरी प्रधानमंत्री के विशेष सहायक के रूप में नियुक्त हो सकते हैं। गौरतलब है कि शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया है। शरीफ को पाकिस्तान पीपल्स पार्टी, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद, बलूचिस्तान अवामी पार्टी, एमक्यूएम-पी और आईपीपी का समर्थन मिला है।

मतदाता बढ़े लेकिन मतदान घटा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में आठ फरवरी को हुए चुनाव में 47.6 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो पिछले चुनाव से कम है। पिछली बार 52.1 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया था। पिछले चुनावों में 60.6 मिलियन मतदाताओं ने मतदान किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले बार के मुकाबले इस बार 22.6 मिलियन मतदाताओं की बढ़ोत्तरी हुई थी। पिछले बार 106 मिलियन पंजीकृत उम्मीदवार थे तो वहीं, इस बार 128.6 मिलियन पंजीकृत उम्मीदवार थे।

देखें प्रदेशों के कुल मतदान का आंकड़ा
खैबर पख्तूनख्वा- 2018 में 44% से घटकर 2024 में 39.5%
आईसीटी में 2018 में 58.3% से घटकर 2024 में 54.2%
पंजाब में 2018 में 56.8% से घटकर 2024 में 51.6%
सिंध में 2018 में 47.2% से घटकर 2024 में 43.7%
बलूचिस्तान में 2018 में 45.3% से घटकर 2024 में 42.9%

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