Pakistan: विपक्ष में बैठेगी इमरान खान की पार्टी, प्रधानमंत्री पद की आस छोड़ी

इस्लामाबाद (Islamabad)। पाकिस्तान (Pakistan) में सत्ता के लिए खींचतान जारी है। इस बीच पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Former Prime Minister Imran Khan) की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (Pakistan Tehreek-e-Insaf) ने बड़ा एलान किया है। पार्टी ने एलान किया है कि उन्होंने विपक्ष में बैठने का फैसला किया है। बता दें, मतदान के बाद से इमरान दावा कर रहे थे जनता ने उन्हें बहुमत दिया है। उनके पास ही नेशनल असेंबली (National Assembly) में बहुमत है। वे ही केंद्र में सरकार बनाएंगे। पीटीआई ने तो एक दिन पहले पीटीआई के प्रधानमंत्री उम्मीदवार (Prime Minister candidate) की भी घोषणा कर दी थी।

पीटीआई के बैरिस्टर अली सैफ ने शुक्रवार को कहा कि इमरान खान के निर्देशों के बाद हमने केंद्र और पंजाब में विपक्ष में बैठने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि जनता ने हमपर जितना भरोसा जताया है, अगर उस हिसाब से मतगणना हुई होती और नतीजों को न पलटा जाता तो हम 180 सीटों के साथ केंद्र में होते। बता दें, पीटीआई ने एक दिन पहले अयूब खान के पोते उमर अयूब खान को प्रधानमंत्री और असलम इकबाल को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में नामित किया था।

अमेरिका को भूमिका निभाना चाहिए
इमरान ने गुरुवार को आरोप लगाया था कि उनके उम्मीदवारों को जानबूझकर हराया गया है। उनका जनादेश चोरी किया गया है। पीटीआई नेता असद कैसर ने कहा था कि खान का संदेश है कि अमेरिका को चुनावों में कथित धांधली के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। उनका कहना है कि अमेरिका ने अपनी भूमिका ढंग से नहीं निभाई है। अमेरिका को अगर लगता है कि वह एक बड़े लोकतांत्रिक देश हैं और पाकिस्तान में धांधली हो रही है। पाकिस्तान में निष्पक्ष चुनाव नहीं कराए गए तो उन्हें इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। पीटीआई के वकील सैफ ने कहा कि अमेरिका को इन चुनावों पर सख्त रूख अपनाना चाहिए। सैफ ने कहा था कि पीटीआई को घेर लिया गया है। अमेरिका को आवाज उठानी चाहिए।

पाकिस्तान के हालातों के कारण हम चिंतिति: अमेरिका
व्हाइट हाउस ने गुरुवार को कहा था कि पाकिस्तान चुनावों में हो रही अनियमितताओं से हम परेशान हैं। वहां की स्थिति पर हम करीब से नजर रख रहे हैं। पाकिस्तान के हालातों के कारण हम चिंतित हैं। भारतीय अमेरिकी कांग्रेसी राजा कृष्णमूर्ति ने कहा था कि मैं उन रिपोर्टों से बहुत परेशान हूं, जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना चुनाव नतीजों को पलटने, धांधली और हिंसा में लगी हुई है। पाकिस्तान के चुनाव में पाकिस्तानी लोगों की जीत होनी चाहिए। न कि सेना की। मैं विदेश मंत्रालय से आग्रह करता हूं कि जब तक इन आरोपों की पूरी समीक्षा न हो जाए, तब तक विजेता को मान्यता न दी जाए।

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