पाकिस्तान ने गुपचुप सेना में शामिल कर लिया AWACS विमान SAAB, जानें इसकी खासियत

लाहौर: पाकिस्तान ने अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाने के लिए वायुसेना में SAAB-2000 एरीआई एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (AWACS) विमान शामिल कर लिया है. इसके साथ ही पाक वायु सेना के AWACS विमानों की संख्या 9 हो गई है. नए विमान की क्रमांक संख्या 23058 है, जिसे जनवरी महीने में पाकिस्तानी वायु सेना में शामिल किया गया था.

भारतीय वायु सेना (IAF) के पास कुल पांच AWACS विमान हैं. इनमें से तीन रूसी IL-76 फाल्कन AWACS और दो Embraer Netra प्रारंभिक चेतावनी विमान हैं. वहीं, पाकिस्तानी वायु सेना का बेड़ा इस मामले में इंडियन एयरफोर्स की तुलना में ज्यादा बड़ा हो गया है. पाक वायुसेना के पास चीनी ZDK03 काराकोरम ईगल AWACS भी है.

जनवरी में पाक सेना में शामिल हुआ SAAB विमान
यूरेशियन टाइम्स ने कई मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से बताया कि जनवरी में पाकिस्तानी वायुसेना में कई विमान शामिल किए गए थे, जिनमें SAAB भी शामिल था. इसके अलावा, चेंगदू जे-10 सीई ड्रैगन मल्टीरोल लड़ाकू विमान और सी-130 एच हरक्यूलिस एयरलिफ्टर्स जैसे नए एयरक्राफ्ट भी सेना का हिस्सा बने. AWACS लंबी दूरी के राडार से लैस विमान होता है, जो लड़ाई के समय दुश्मन के हवाई क्षेत्र में उसके हवाई हथियारों की मौजूदा जानकारी सेना को उपलब्ध करवाकर युद्ध के मैदान को नियंत्रित करता है.

2006 में पाकिस्तान ने की थी AWACS की पहली डील
रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान ने तीन ऑर्डरों में AWACS विमान खरीदे हैं. PAF ने 2006 में छह AWACS के लिए 1.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अपने पहले ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए, लेकिन बाद में भीषण भूकंप से हुई तबाही के कारण पाकिस्तान ने विमानों की संख्या घटाकर पांच से चार कर दी. 2012 में मिहास एयरबेस पर एक आतंकवादी हमले में पाकिस्तानी सेना के 4 में से तीन विमान तबाह हो गए. एक पूरी तरह बर्बाद हो गया और बाकी दो गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए. बाद में पीएएफ ने क्षतिग्रस्त विमानों को आंतरिक रूप से बहाल कर लिया. पाकिस्तान की तरफ से पहली बारी 27 फरवरी, 2019 को भारत के खिलाफ इसका इस्तेमाल किया गया था. पाक सेना ने SAAB के जरिए नौशेरा में एक भारतीय ब्रिगेड मुख्यालय और अन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया था.

स्वीडन से पाकिस्तान ने खरीदा AWACS विमान
पाकिस्तान ने AWACS विमान स्वीडन से खरीदा है. दरअसल, भारत ने स्वीडिश कंपनी से विमान की बिक्री पर राजनयिक विरोध दर्ज कराया था. मई 2020 में स्वीडिश कंपनी साब ने खुलासा किया कि उसने एक अनाम खरीदार से 160.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर में AWACS डील हासिल की है और डिलीवरी 2020 और 2023 के बीच होगी. अब ऐसा माना जा रहा है कि वो अनाम ग्राहक पाकिस्तान ही है. पीएएफ में नए एरीआई सीरियल नंबर ’20-057′ और ’23-058′ हैं.

कैसे काम करता है AWACS विमान?
AWACS विमान हवा में लड़ाकू विमानों के लिए कमांड और कंट्रोल के रूप में काम करता है. यह विमान हवा में मौजूदा समय की जानकारी इकट्ठा करके ग्राउंड लेवल पर कमांड सेंटर को इनफोर्मेशन मुहैया करवाता है. इसकी दूसरी खासियत मूविंग सर्विलांस प्लेटफॉर्म है, जिसकी वजह से दुश्मन की एंटी रेडिएशन मिसाइल को इसे पकड़ पाना मुश्किल होता है. AWACS विमान की लंबी दूरी और डिटेक्शन कैबिलिटी इसे हवा का 360 डिग्री व्यू देती है. इस तरह वह एक साथ कई विमानों को ट्रैक कर सकता है और उनकी लाइव गतिविधि वायु सेना को भेज सकती है.

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