पप्पू यादव नाम वापस नहीं लेंगे, बोले- कांग्रेस भी उनके साथ है, तेजस्वी यादव पर बड़ा हमला

पूर्णिया: हॉट सीट बना पूर्णिया लोकसभा से निर्दलीय प्रत्याशी और कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने कहा कि नाम वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता है. पप्पू यादव ने एक बार फिर दावा किया कि कांग्रेस का उन्हें साथ है. साथ ही उन्होंने तेजस्वी यादव पर जमकर कटाक्ष किया. पप्पू यादव ने कहा कि ऐसा लगता है कि वे लोग बीजेपी से समझौता कर चुके हैं.

उन्होंने कहा कि आज तक मधेपुरा सीट खाली है. क्यों नहीं आप उम्मीदवार दे रहे हैं. पप्पू यादव ने कहा कि मुकेश साहनी को आप साथ लाए. लेकिन, जानबूझकर आपने उन्हें गोपालगंज जैसी सीट दे दिया ताकि वहां से वह चुनाव नहीं जीत सके. हर व्यक्ति जानता है कि गोपालगंज शुरू से बीजेपी का सीट है और वहां पर भाजपा ही जीतती आ रही है. पप्पू यादव ने कहा कि तेजस्वी यादव द्वारा भाजपा की बी टीम की बात पर कहा कि यहां का बच्चा-बच्चा जानता है कि कौन किसकी बी टीम है.

अखिलेश सिंह के दावे पर पप्पू यादव ने कही यह बात
वहीं कांग्रेस द्वारा नाम वापस लेने के सवाल पर पप्पू यादव ने कहा कि सवाल ही नहीं उठाता है कि वह पूर्णियां से नाम वापस लेंगे. उन्हें कांग्रेस का पूरा समर्थन है. प्रदेश अध्यक्ष अपना गठबंधन धर्म निभा रहे हैं जो उन्हें करना भी चाहिए. गौरतलबा है कि 2 दिन पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा था कि पप्पू यादव को पूर्णिया से अपनी उम्मीदवारी वापस लेनी ही होगी.

वहीं कल प्रेस वार्ता में जिला अध्यक्ष नीरज कुमार उर्फ छोटू सिंह ने भी कहा था कि पूर्णिया से महागठबंधन का प्रत्याशी राजद की बीमा भारती हैं. वे लोग बीमा भारती को पूरा समर्थन कर रहे हैं. वहीं बीमा भारती ने भी पप्पू यादव से आग्रह किया कि वह गठबंधन धर्म का पालन करते हुए उन्हें सहयोग करें.

पूर्णिया में 7 प्रत्याशी चुनावी मैदान में
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के स्क्रूटनी के बाद अब 7 प्रत्याशी मैदान में बचे हैं, जिसमें जदयू से वर्तमान सांसद संतोष कुशवाहा, राजद की बीमा भारती, निर्दलीय राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक से किशोर कुमार यादव, बहुजन समाज पार्टी से अरुण दास, निर्दलीय सत्येंद्र यादव और नोमन आलम चुनावी मैदान में है.

बताया जाता है कि पूर्णिया लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है, जिसमें मुख्य रूप से सांसद संतोष कुशवाहा, राजद प्रत्याशी बीमा भारती और पप्पू यादव के बीच त्रिकोणीय मुकाबला दिख रहा है. हालांकि अभी काफी समय है. प्रचार के कई रंग रूप देखने को मिलेंगे. आगे मतदाता क्या करती है किन्हें अपना प्रतिनिधि चुनती है यह देखना दिलचस्प होगा.

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