संसद : हंगामे के बीच दोनों सदनों में कुल 17 बैठकें, बगैर चर्चा पारित हुए 22 विधेयक

नई दिल्ली (New Delhi)। संसद (Parliament ) का मानसून सत्र (Monsoon session) शुक्रवार को दोनों सदनों में भारी हंगामे के बीच स्थगित हो गया। यह सत्र मणिपुर हिंसा (Manipur violence) पर पहले से आखिरी दिन तक हुए हंगामे के नाम रहा। हालांकि, इसका असर विधायी कामकाज पर नहीं पड़ा। सत्र की महज 17 बैठकों (17 sittings) में दोनों सदनों (both houses) में 23 अहम विधेयकों (23 important bills approved) पर मुहर लगाई गई। विपक्ष के हंगामे, बहिष्कार, सांसदों के निलंबन, स्थगन के बीच इनमें से 22 विधेयक बिना चर्चा के या ज्यादातर विपक्षी दलों की अनुपस्थिति के बीच प्रतीकात्मक चर्चा करा कर पारित करा लिए गए।

पूरे सत्र में जनसरोकारों से जुड़े एक भी मुद्दे पर चर्चा नहीं हो पाई। मणिपुर हिंसा पर चर्चा और प्रधानमंत्री के बयान पर अड़े विपक्ष ने प्रश्नकाल के साथ शून्यकाल को लगातार बाधित किया। इस दौरान सरकार कभी विपक्ष की अनुपस्थिति तो कभी संक्षिप्त और सांकेतिक चर्चा के बीच अहम विधायी कामकाज निपटाने में कामयाब रही। आखिरी दिन लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक पेश किए।

बस दिल्ली सेवा विधेयक पर दोनों सदनों में विस्तृत चर्चा
सत्र के दौरान दोनों सदनों में 25 विधेयक पेश किए गए। लोकसभा में इस दौरान 22 तो राज्यसभा में 23 विधेयक पारित हुए, जबकि मगर इनमें दिल्ली सेवा विधेयक को छोड़ कर एक भी विधेयक पर विस्तृत चर्चा नहीं हो पाई। दिल्ली में अधिकारियों की नियुक्ति और स्थानांतरण से जुड़े इस विधेयक पर दोनों सदनों में विस्तृत चर्चा के साथ सरकार और विपक्ष के बीच जमकर तकरार हुई। विधेयक लोकसभा में ध्वनि मत से तो राज्यसभा में 102 के मुकाबले 131 मतों से पारित हुआ।

अविश्वास प्रस्ताव पर 20 घंटे तक चर्चा
मणिपुर हिंसा मामले में प्रधानमंत्री के बयान पर अड़े कांग्रेस की अगुवाई वाले गठबंधन ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सत्र को खास बना दिया। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले अविश्वास प्रस्ताव पर तीन दिनों तक चर्चा हुई। इसमें दोनों पक्षों के 60 सांसदों ने हिस्सा लिया। करीब 20 घंटे की चर्चा और प्रधानमंत्री के जवाब के बाद प्रस्ताव ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया।

नौ सदस्यों का निलंबन
सत्र के दौरान राज्य सभा में सात तो लोकसभा में दो सांसद निलंबित किए गए। लोकसभा में बृहस्पतिवार को पीएम के खिलाफ अभद्र टिप्पणी मामले में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी और इससे पहले आप के इकलौते सांसद सुशील सिंह रिंकू को निलंबित किया गया। राज्यसभा में सात सदस्यों को निलंबित किया गया। अंतिम दिन आप सांसद राघव चड्ढा निलंबित किए गए, जबकि इसी पार्टी के संजय सिंह के निलंबन की अवधि बढ़ा दी गई।

राज्यसभा में 50 घंटे हंगामे के नाम
उच्च सदन में हंगामे के कारण 50 घंटे 21 मिनट की कार्यवाही बाधित हुई। जबकि लोकसभा में 17 बैठकों में महज 44 मिनट ही कामकाज हो पाया। इस दौरान बहुराज्य वैयक्तिक डाटा संरक्षण, राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग, परिचर्या-प्रसूति विद्या आयोग, जन विश्वास, दिल्ली सेवा, अंतर सेना संगठन जैसे कई अहम विधेयकों ने कानूनी जामा पहना।

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