PM मोदी धारचूला के गूंजी गांव पहुंचे, स्थानीय लोगों और आईटीबीपी के जवानों से की मुलाकात

पिथौरागढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को उत्तराखंड के एक दिवसीय दौरे पर हैं। जहां उन्होंने सबसे पहले आदि कैलाश के दर्शन किए। उसके बाद प्रधानमंत्री पिथौरागढ़ के धारचूला से 70 किलोमीटर दूर गूंजी गांव पहुंचे। गूंजी गांव में स्थानीय लोगों ने उनका परंपरा और पारंपरिक वेशभूषा के साथ स्वागत किया। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी प्रधानमंत्री के साथ दिखे। प्रधानमंत्री ने ढोल दमाऊ भी बजाया। साथ ही यहां के स्थानीय लोगों के साथ बातचीत भी की। प्रधानमंत्री ने आईटीबीपी के जवानों से भी मुलाकात की।

बता दें कि गूंजी गांव व्यास घाटी की उस जमीन पर है, जहां न भूस्खलन का खतरा है और न ही बाढ़ का। इस गांव में 20 से 25 परिवार ही रहते हैं। जो बमुश्किल अपना खर्च चला पाते हैं। पिथौरागढ़ डीएम रीना जोशी के मुताबिक गूंजी के दाएं तरफ से नाभीढांग, ओम पर्वत और कैलाश व्यू प्वाइंट का रास्ता जाता है, तो बाएं तरफ से आदि कैलाश और जौलीकॉन्ग का। इसीलिए, ये गांव कैलाश तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए मुफीद है।

इससे पहले उन्होंने भगवान शिव के धाम आदि कैलाश चोटी के दर्शन किए और पार्वती कुंड पहुंचकर पूजा—अर्चना की। पारंपरिक पगड़ी और रंगा (शरीर के उपरी हिस्से में पहना जाने वाला वस्त्र) के पारंपरिक परिधान पहने मोदी ने पार्वती कुंड के किनारे स्थित प्राचीन शिव—पार्वती मंदिर में आरती की। प्रधानमंत्री ने आदि कैलाश चोटी के सामने हाथ जोड़कर कुछ देर ध्यान भी लगाया। इस दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उनके साथ मौजूद थे।

पीएम मोदी अल्मोड़ा में भगवान शिव के प्रसिद्ध धाम जागेश्वर भी जाएंगे। जागेश्वर से वह वापस पिथौरागढ़ जाएंगे जहां वह एक जनसभा को संबोधित करेंगे। इस दौरान वह करीब 4200 करोड़ रूपये की लागत की योजनाओं का शिलान्यास तथा लोकार्पण भी करेंगे। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के उत्तराखंड आगमन पर उनका स्वागत किया। उत्तराखंड से विशेष लगाव के लिए प्रधानमंत्री का आभार प्रकट करते हुए धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘‘आपके कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन में प्रदेश में रोड, रेल और रोपवे निर्माण के माध्यम से धार्मिक, आध्यात्मिक और साहसिक पर्यटन को नये आयाम प्राप्त हो रहे हैं। आपके दृष्टिकोण के अनुरूप हमारी सरकार राज्य के सर्वांगीण तथा सर्वस्पर्शी विकास हेतु निरंतर कार्य कर रही है।’’

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