UAE से कतर के लिए उड़ान भरेंगे PM मोदी, जानिए भारत के लिए क्यों अहम है ये दौरा

नई दिल्ली: यूएई में BAPS मंदिर का उद्घाटन (BAPS temple inaugurated in UAE) करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) कतर (Queue) के लिए उड़ान भरेंगे. कतर मध्य पूर्व का एक छोटा सा देश (small country in the middle east) है लेकिन विदेशी रणनीति के लिहाज से कतर अपनी अलग पहचान रखता है. पिछले कुछ सालों में कतर ने पूरी दुनिया के सामने में खुद को एक प्रभावी मीडिएटर के तौर पर पेश किया है. एक दूसरे के राइवल और दुनिया पर अपना प्रभाव रखने वाले देश जैसे- अमेरिका, चीन, रूस और ईरान सभी के साथ कतर के अच्छे संबंध हैं. मध्य-पूर्व में अमेरिकी विदेश नीति में क़तर का ख़ास रोल रहा है.

भारत के साथ भी कतर के रिश्ते बहुत पुराने और गहरे हैं. ऊर्जा क्षेत्र में कतर भारत का बहुत बड़ा सहयोगी है, इसके अलावा कतर नें भारत में कई बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है. प्रधानमंत्री की ये यात्रा उनके दूसरे कार्यकाल के अंत में हो रही है, ऐसे में उम्मीद है कि कतर और भारत के बीच कई और बड़े समझोते हो सकते हैं. भारत अपनी ज़रूरत का 48% LNG क़तर से आयात करता है जबकि कुल LPG का 29% वहां से मंगाता है. इसके अलावा कई दूसरे तरह के पेट्रोलियम केमिकल्स, प्लास्टिक एवं उर्वरक कतर से भारत आयात होते हैं. वहीं भारत कतर को मेटल्स, सब्जियां और मसाले निर्यात करता है.

कतर में 8 लाख 35 हजार भारतीय काम करते हैं जो कतर की कुल जनसंख्या का 27 फीसदी है. भारतीय लोग वहां इंजीनियरिंग, स्वास्थ्य, शिक्षा, बैंकिंग, फाइनेंस, मीडिया एवं ब्लू कॉलर नौकरियों में हैं. कतर में छोटी बड़ी कुल 15000 भारतीय कंपनियां मौजूद हैं. भारतीय कंपनियों ने कतर में 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में मध्य-पूर्व में कतर को लेकर विशेष जोर दिया गया है. सुषमा स्वराज पहली भारतीय विदेश मंत्री थी जिन्होंने कतर का दौरा किया था. प्रधानमंत्री मोदी जून 2016 को कतर गये थे. 14-15 फरवरी को होने जा रहा उनका यह दूसरा कतर दौरा है. इससे पहले नवंबर 2008 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कतर का दौरा किया था.

मोदी सरकार में उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़, तत्कालीन उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज समेत कई दूसरे मंत्रियों ने कतर का दौरा किया था. कतर के अमीर शेख़ तमीम बिन हमद अल थानी ने 2015 में भारत का दौरा किया था. उनसे पहले उनके पिता एवं तत्कालीन अमीर ने 1999, 2005, 2012 में भारत दौरा किया था.

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